सरकार बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए वाहन कबाड़ नीति (व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी) इस महीने के आखिर तक लागू कर सकती है। हालांकि, ऐसी अटकलें लगाई जा रही थी लेकिन नई वाहन कबाड़ नीति में वाहन कंपनियों को टैक्स में कोई छूट नहीं मिलेगी। बल्कि कंपनियों को ही पुराने वाहन स्क्रैप कराने वालों को फायदा देना होगा। सरकार के एक उच्च अधिकारी ने इस बारे में जानकारी दी।

 

वाहन स्क्रैप कराने का लाभ कंपनियों को ही देना होगा
अधिकारी ने बताया कि ऑटोमोबाइल कंपनियां पुराने वाहन स्क्रैप करा कर नए वाहन खरीदने वाले को प्रोत्साहन अपनी तरफ से दे सकती हैं।

 

अधिकारी के अनुसार, 15 साल पुराने कमर्शियल गाड़ियों और 20 साल पुरानी निजी गाड़ियां वाहन कबाड़ नीति के तहत आएंगी। इसके साथ ही वाहनों को सड़क पर चलाने के लिए उनके फिटनेस सर्टिफिकेट को अनिवार्य किया जाएगा।

 

 

वाहनों को ऑटोमैटिक टेस्ट सेंटर से फिटनेस सर्टिफिकेट लेना होगा। अगर कोई वाहन तीन बार फिटनेस सर्टिफिकेट लेने में असफल रहेगा तो उसे स्क्रैप कराना अनिवार्य होगा।

 

इससे पहले केंद्र सरकार ने राज्यों से वाहन स्क्रैप कराने वालों को रोड टैक्स में छूट देने की अपील की थी। बता दें कि पिछले महीने अगस्त में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि नई वाहन कबाड़ नीति लागू होने पर ऑटोमोबाइल कंपनियों को लाभ होगा। वाहनों की मांग बढ़ने से उत्पादन बढ़ेगा जिससे अर्थव्यवस्था में चुस्ती आएगी।

वाहन कंपनी को क्या लाभ होगा

  • वाहन कबाड़ नीति के लागू होने से 3 करोड़ पुराने वाहन सड़क से हटेंगें
  • पुराने वाहन हटने और नए वाहन की मांग बढ़ेगी, जिससे बिक्री बढ़ेगी
  • वाहनों की बिक्री बढ़ने से ऑटो उद्योग रफ्तार पकड़ेगी
  • वाहन में स्टील का हिस्सा 50 से 55 फीसदी होता है।
  • वाहनों के स्क्रेप से करीब 6550 करोड़ रुपये का स्टील स्क्रैप मिल जाएगा

कुछ तो अभी भी कर रहा हूँ आप लोगो के लिये ख़ैर आप email पर लिख भेजिए मुझे hello@delhibreakings.com पर

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *