दिल्ली मेट्रो की पिंक लाइन पर डबल डेकर वायडक्ट परियोजना के खिलाफ दायर याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की खंडपीठ ने सोमवार को याचिका खारिज करने के साथ ही दिल्ली मेट्रो रेल निगम (Delhi Metro Rail Corporation) की इस परियोजना को हरी झंडी दे दी।
डीएमआरसी की इस योजना के अनुसार, दिल्ली के यमुना विहार और भजनपुरा स्टेशनों के बीच 1.4 किलोमीटर के डबल डेकर वायडक्ट में ऊपरी पट्टी पर मेट्रो रेल के लिए पटरियां होंगी और नीचे की पट्टी पर वाहनों के लिए फ्लाईओवर होगा। आरोग्य नेचुरोकेयर वेल्फेयर सोसाइटी ने याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि सड़क संख्या-59 पर डीएमआरसी की विस्तारित पिंक लाइन परियोजना के डबल डेकर वायडक्ट में गंभीर और बुनियादी कमियां हैं। अगर इसे लागू किया जाता है तो अव्यवस्था उत्पन्न होगी। उस जगह पर 50 से 70 साल पुराने हजारों पेड़ भी काटे जाएंगे।
मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की खंडपीठ को डीएमआरसी के वकील ने बताया कि कोर्ट ने सितंबर में परियोजना के संबंध में दायर याचिका को ज्ञापन के तौर पर लिया था। साथ ही परियोजना की प्रकृति और महत्व को देखते हुए ज्ञापन पर कानून, नियम व सरकारी नीति के अनुसार संबंधित अधिकारियों को जल्द फैसला लेने का निर्देश दिया था। अधिकारियों ने उस ज्ञापन को खारिज कर दिया था। डीएमआरसी की तरफ से दी गई इस दलील पर गौर करते हुए सोमवार को खंडपीठ ने कहा कि इस मामले में पुनर्विचार करने के लिए उसे कोई पर्याप्त आधार नहीं मिला।
यहां पर बता दें कि पिंक लाइन दिल्ली मेट्रो की सबसे लंबी लाइन है, जो ‘यू’ आकार में दिखाई दे रही है। इस लाइन की कुल लंबाई 58.596 किलोमीटर होगी, जिसमें से 39.479 किलोमीटर भूमि के ऊपर तथा 19.117 किलोमीटर भूमिगत होगी। पिंक लाइन, दिल्ली मेट्रो की मौजूदा सभी लाइनें- रेड लाइन, ब्लू लाइन, ग्रीन लाइन, वाइलेट लाइन, येलो लाइन और एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन को पार करते हुए निकलेगी। पिंक लाइन को इन मेट्रो लाइनों के अतिरिक्त आनंद विहार टर्मिनल और हज़रत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशनों के साथ-साथ आनंद विहार आईएसबीटी और सराय काले खान इंटर स्टेट बस अड्डा से भी जोड़ा जाएगा।