दिल्ली एनसीआर के प्रदूषण में पराली की भूमिका घटने से वायु गुणवत्ता सूचकांक धीरे-धीरे कुछ कम हो रहा है। इस बीच सफर इंडिया के अनुसार, हवा पूर्व दिशा की ओर से चल रही है। इस वजह से पंजाब व हरियाणा से पराली का धुआं दिल्ली नहीं पहुंच जाएगा। इसके अलावा 21 नवंबर से तेज हवा चलने की संभावना है। तब हवा की गुणवत्ता में कुछ सुधार होने की उम्मीद है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार 21 नवंबर को हवा की गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी से खराब श्रेणी में पहुंच जाएगा।

बृहस्पतिवार को भी पराली का धुआं खास नहीं पहुंच पाने के कारण दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण के स्तर में आंशिक सुधार हुआ है। हालांकि, प्रदूषण में पराली की भूमिका घटकर महज दो फीसद रह जाने के बावजूद दिल्ली एनसीआर में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब बनी हुई है। इस वजह से दिल्ली की हवा अब भी सांस लेने लायक नहीं है। सफर इंडिया के अनुसार पराली का धुआं दिल्ली पहुंचने के लिए परिस्थितियां अनुकूल नहीं होने से एयर इंडेक्स में कुछ और भी सुधार होगा, फिर भी अगले दो दिन हवा की गुणवत्ता बेहद खराब बनी रहेगी।

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सफर इंडिया के अनुसार पंजाब व हरियाणा में पराली जाने की 773 घटनाएं हुई हैं और दिल्ली के प्रदूषण में पराली के धुएं की जिम्मेदारी दो फीसद रही। इसके एक दिन पहले पराली जाए जाने की 2643 घटनाएं हुई थीं। तब प्रदूषण में पराली की भूमिका छह फीसद थी।

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सीपीसीबी द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली का एयर इंडेक्स 347 दर्ज किया गया, जो बेहद खराब श्रेणी में है। एक दिन पहले दिल्ली का एयर इंडेक्स 375 था। लिहाजा, एयर इंडेक्स 28 अंक कम हुआ है। एनसीआर के शहरों में गाजियाबाद सबसे अधिक प्रदूषित रहा। वहां का एयर इंडेक्स 360 दर्ज किया गया। ग्रेटर नोएडा में एयर इंडेक्स सबसे कम 308 दर्ज किया गया।

दिल्ली एनसीआर में एयर इंडेक्स

  • दिल्ली- 347
  • फरीदाबाद- 349
  • गाजियाबाद- 360
  • ग्रेटर नोएडा- 308
  • गुरुग्राम- 323
  • नोएडा- 336

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