जल्द ही आप ऐसे शहरों में रहने के लिए तैयार हो जाएं, जहां मकान के पास ही आपका आफिस होगा और रोजगार करने के लिए आपको दर-दर भटकने की जरूरत नहीं होगी। विदेशी तर्ज पर दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा के पास ही तीन ऐसे हाईटेक शहर बसाने की योजना तैयार हो रही है, जहां की सडक़ें पूरी तरह से जाम फ्री होंगी और टूटी हुई सडक़ों के स्थान पर चमाचम नई रोड दिखाई देंगी। सपनों जैसे ये शहर यमुना एक्सप्रेस वे के किनारे बसाए जा रहे हैं। जिसका पूरा डिजाईन विदेशी कंपनी द्वारा तैयार किया जा रहा है।

Preview 2021 11 05T155056.590 Delhi-Ncr में विदेशी तर्ज पर बसाए जा रहे हैं 3 नए स्मार्ट शहर, अंदर ही होगा रहने से लेकर नौकरी तक

ऐसा लगेगा जैसे विदेश में आ गए हों

माना जा रहा है कि आने वाले कुछ सालों के भीतर इन शहरों में रहने वाले लोगों को ऐसा लगेगा, जैसे वह भारत नहीं बल्कि विदेशी धरती पर रह रहे हैं। तमाम सुविधाओं से लैस ये शहर दिल्ली के नजदीक बनाए जाने की योजना तेजी से चल रही है। इनमें से एक शहर होगा नया वृंदावन, जो अब पूरी तरह से हाईटेक सिटी के तौर पर दिखाई देगा। इसके अलावा दो और बड़े शहर बसाए जा रहे हैं, जिसका खाका लगभग तैयार है।

 

नए शहरों की डीपीआर तैयार

यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे तीन नए शहर बसाने की तैयारी चल रही है. विदेशी कंपनी को नए शहरों की डीपीआर तैयार करने का काम दिया गया है. यमुना एक्सप्रेसवे डवलपमेंट अथॉरिटी नए शहर बसाने के प्लान पर काम कर रही है. यह तीन शहर होंगे टप्पल-बाजना, नया वृंदावन और एक शहर आगरा की सीमा पर बसाया जाएगा. नए शहरों की डीपीआर तैयार करने के लिए 20 से ज्यादा कंपनियों ने प्रेजेंटेशन दी है. खास बात यह है कि नए शहर में बसने वाले लोगों को रोज़गार के लिए कहीं दूर न जाना पड़े और कारोबार भी अपने ही शहर में करने का मौका मिल जाए, इसके लिए यमुना अथॉरिटी  नए शहर में ऑफिस, फैक्ट्री और दुकानों के लिए भी जमीन दे रही है.

 

ट्रैफिक रेड लाइट नहीं होगी

नए शहर में सड़कों पर ट्रैफिक रेड लाइट नहीं होगी. कॉमर्शियल वाहनों के लिए अलग लेन होगी. बिजली के तार अंडरग्राउंड होंगे. पानी की निकासी के लिए खुले नाले-नाली नहीं होंगे. सीवेज के पानी को ट्रीट करने के बाद पौधों को सींचने में इस्तेमाल किया जाएगा. शहर के कूड़े को रीसाइकल कर उसे शहर में ही इस्तेमाल किया जाएगा अथॉरिटी के अफसरों की मानें तो टप्पल-बाजना अर्बन सेंटर को कुल 11104 हेक्टेयर जगह में बसाया जाएगा. लेकिन इसमें से 1794.4 हेक्टेयर ज़मीन बिजनेस करने के लिए छोड़ी जाएगी. यहां लॉजिस्टिक और वेयर हाउसिंग कलस्टर विकसित किया जाएगा. वहीं 1608.3 हेक्टेयर ज़मीन आवासीय होगी. नया शहर टप्पल के पास बसाया जाएगा.

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शहरों को बसाने का पैटर्न एक ही होगा

मथुरा में राया के पास बसाया जाने वाले नया वृंदावन शहर पर्यटन के लिहाज से खासा खास होगा. यह शहर कुछ 9350 हेक्टेयर में बसाया जाएगा. नए शहर में 731 हेक्टेयर जमीन पर सिर्फ पर्यटन जोन बनेगा. इसके साथ ही 110 हेक्टेयर में रिवर फ्रंट डवलप करने की योजना है. यह यमुना नदी के किनारे होगा. तीसरा शहर यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे आगरा की सीमा के पास बसाया जाएगा. तीनों ही शहरों को बसाने का पैटर्न एक ही होगा.

 

 

सीवर के पानी से हरे भरे होंगे पार्क

नए शहर में यमुना अथॉरिटी की योजना स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लागू करने की है. स्वच्छ पर्यावरण बनाए रखने और बेहतर ट्रांसपोर्ट सुविधा देने के लिए सड़कों पर निजी और कमर्शियल वाहनों के लिए अलग लेन बनाई जाएगी. वहीं शहर में कोई ट्रैफिक सिग्नल भी नहीं होगा. इतना ही नहीं नए शहरों से निकलने वाले सीवर के पानी को यमुना नदी में नहीं छोड़ा जाएगा. इस योजना को अंजाम देने के लिए सीवर के पानी को रिसाइकल किया जाएगा. रिसाइकल किए गए पानी को शहर में बागवानी के काम में लिया जाएगा.इन शहरों में हर जगह सुंदर पार्क लोगों का मन मोहने के लिए काफी होंगे। जिनके लिए सीवर के पानी को रिसाईकिल करने की योजना भी इस डीपीआर का प्रमुख हिस्सा है। हालांकि अभी तक स्मार्ट सिटी के तौर पर बनाई गई सभी योजनाओं में रिसाईकिल योजना भी बनाई गई है, मगर वह अभी तक पूरी तरह से कामयाब दिखाई नहीं दी है। पंरतु इन तीनों शहरों में सीवर के पानी को ट्रीट करके उन्हें पार्क में सिंचाई के तौर पर प्रयोग किया जाएगा।

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