दिल्ली मेट्रो के फेज-4 के तहत तुगलकाबाद-एरोसिटी मेट्रो कॉरिडोर का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। दिल्ली मेट्रो रेल निगम (Delhi Metro Rail Corporation) ने 15 मेट्रो स्टेशन वाले इस कॉरिडोर में संगम विहार से साकेत-जी तक चार एलिवेटेड मेट्रो स्टेशनों का निर्माण करने के लिए निर्माण कार्य का अनुबंध किया है। इसके तहत संगम विहार, खानपुर-देवली, अंबेडकर नगर और साकेत-जी मेट्रो स्टेशन का निर्माण होगा। ये सभी स्टेशन एलिवेटेड होंगे।
कॉरिडोर की विशेषता होगी डबल डेकर वायाडक्ट
तुगलकाबाद-एरोसिटी मेट्रो कॉरिडोर की सबसे बड़ी विशेषता यही है कि इसमें एक डबल डेकर वायाडक्ट होगा। तुगलकाबाद-एरोसिटी मेट्रो कॉरिडोर में 15 मेट्रो स्टेशन होंगे। इसमें संगम विहार से अंबेडकर नगर तक एलिवेटेड 6 लेन का फ्लाईओवर भी बनाया जाएगा। इसी के साथ साकेत के जी ब्लॉक में एक अंडरपास भी बनेगा। इसके बनने से महरौली बदरपुर रोड, संगम विहार से साकेत तक सिग्नल फ्री हो जाएगा। यह कार्य लगभग तीन वर्षों में पूरा होगा।
तुगलकाबाद-एरोसिटी मेट्रो कॉरिडोर की कुल लंबाई 20.20 किलोमीटर है। यह कश्मीरी गेट-राजा नाहर सिंह तक की वायलेट लाइन को एयरपोर्ट एक्सप्रेस लिंक से जोड़ा जाएगा। फेज-4 के तीन कॉरिडोर को अब तक मंजूरी मिली है, जिसके तहत 45 मेट्रो स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा। इन तीन कॉरिडोर में मेट्रो लाइन की लंबाई 61.679 किलोमीटर होगी।
मेट्रो फेज-4 के तहत जनकपुरी वेस्ट-आरके आश्रम मेट्रो कॉरिडोर, केशोपुर, पश्चिम विहार, पीरागढ़ी, मंगोलपुरी, पश्चिम एंक्लेव, पुष्पांजलि, दीपाली चौक, मधुबन चौक, प्रशांत विहार और उत्तर पीतमपुरा पर 10 मेट्रो स्टेशनों का निर्माण होगा।
मौजपुर से मजलिस पार्क कॉरिडोर
यमुना नदी पर पुल और यमुना विहार से भजनपुरा तक पीडब्लूडी फ्लाईओवर के साथ एलिवेटेड वायाडक्ट का निर्माण और यमुना विहार, भजनपुरा, खजूरी खास, सोनिया विहार, सोराघाट, जगतपुर गांव, झरौदा और बरारी स्टेशन का निर्माण।
गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दिल्ली मेट्रो के चरण 4 परियोजना के छह प्रस्तावित गलियारों में से 3 को आरके आश्रम से जनकपुरी पश्चिम (25 स्टेशन), तुगलकाबाद से एरोसिटी (15 स्टेशन) और मौजपुर से मुकुंदपुर (6 स्टेशन) को मंजूरी दी है। वहीं, तीन प्राथमिकता वाले गलियारों में भूमिगत (22.359 किलोमीटर) और उन्नत (39.320 किलोमीटर) दोनों खंड शामिल हैं। इन तीनों गलियारों की कुल लंबाई 61.679 किलोमीटर है, इनके बनने से दिल्ली में मेट्रो यात्रा का पूरा स्वरूप ही बदल जाएगा।