दिल्ली मेट्रो आज अपने चौथे चरण के जनकपुरी पश्चिम से लेकर आरके आश्रम कोरिडोर तक सेवा शुरू कर चुका होता. पहले कोरोना के वजह से हुए काम में हुए विलंब के बाद कार्य शुरू ही हुआ है कि फिर से दिल्ली में पेड़ों की कटाई को लेकर रोक लगा दिया गया है और यह मेट्रो लाइन फिर से और विलंब होने की संभावना है.
दिल्ली मेट्रो में फेज चार में निर्माणाधीन तीन मेट्रो कारिडोर के निर्माण में अड़चने खत्म नहीं हो रही हैं। पहले कोरोना के कारण निर्माण में देरी हुई। अब पेड़ हटाने की स्वीकृति नहीं मिल पाने के कारण अड़चन आ रही है। इस वजह से तीनों कारिडोर का निर्माण निर्धारित समय सीमा पर नहीं हो पाएगा।
स्थिति यह है कि निर्माण की प्रक्रिया शुरू होने के ढाई साल में अभी तक करीब एक चौथाई (23.55 प्रतिशत) काम हो पाया है। इसलिए दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) फेज चार के कारिडोर का निर्माण पूरा करने की समय सीमा नए सिरे से तय करेगा।
डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक विकास कुमार ने कहा कि हाई कोर्ट ने पेड़ हटाने पर रोक लगा दी है।
उपराज्यपाल से स्वीकृति दिलाने की मांग की गई है। मौजूदा समय में
- जनकपुरी पश्चिम-आरके आश्रम,
- तुगलकाबाद-एरोसिटी और
- मजलिस पार्क-मौजपुर कारिडोर का निर्माण चल रहा है, जिसकी कुल लंबाई करीब 65 किलोमीटर होगी।
साफ्टवेयर की मदद से निर्माण कार्य की निगरानी की जा रही है। इसका फायदा यह है कि निर्माणाधीन स्थल पर गए बगैर अधिकारी प्रगति पर नजर रख सकते हैं। डीएमआरसी के अनुसार निर्माण की समय सीमा बढ़ने से लागत पर असर नहीं पड़ेगा।
जनकपुरी पश्चिम-आरके आश्रम कारिडोर की समय सीमा खत्म
जनकपुरी पश्चिम-आरके आश्रम कारिडोर पर केशोपुर से हैदरपुर बादली मोड़ तक एलिवेटेड कारिडोर के निर्माण लिए नवंबर 2019 में पहला टेंडर आवंटित किया था। इसके एक माह बाद दिसंबर में काम शुरू हुआ और 30 माह में जून 2022 तक यह कारिडोर बनकर तैयार होना था। यह समय सीमा अब खत्म हो चुकी है।
इसके अलावा सिल्वर लाइन (तुगलकाबाद-एरोसिटी) पर संगम विहार से साकेत जी ब्लाक तक एलिवेटेड कारिडोर के निर्माण के लिए एक जनवरी 2020 को टेंडर जारी हुआ था। तीन साल में इसका निर्माण पूरा करने का लक्ष्य है।
एक ही टनल बोरिंग मशीन है कार्यरत, यह भी देरी का कारण
मौजपुर-मजलिस पार्क कारिडोर का निर्माण मार्च 2023 में पूरा न होकर अब नवंबर 2024 में बनकर तैयार होगा। तुगलकाबाद-एरोसिटी और जनकपुरी पश्चिम-आरके आश्रम कारिडोर का निर्माण 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य है।
मौजूदा परिस्थितियों में इन दोनों कारिडोर का निर्माण पूरा करने की समय सीमा की समीक्षा की जाएगी। तुगलकाबाद-एरोसिटी और जनकपुरी पश्चिम-आरके आश्रम कारिडोर का 18 किलोमीटर हिस्सा भूमिगत है। मौजूदा समय में एक ही टनल बोरिंग मशीन कार्यरत है। इस वजह से निर्माण में भी वक्त लगेगा।