दिल्ली मेट्रो चलने के लिए तैयार है। डीएमआरसी ने सोशल डिस्टेंसिंग के पालन के लिए कड़े नियम बनाए हैं। इसके तहत मेट्रो की अलग-अलग लाइनों पर केवल 257 गेट ही खोले जाएंगे। कोरोना के चलते फैसला लिया गया है कि मेट्रो की लिफ्ट में केवल तीन यात्री एक बार में जा सकेंगे। इसके अलावा प्रत्येक चार घंटे में लिफ्ट को सेनेटाइज किया किया जाएगा। मेट्रो की रेलिंग और एलिवेटर को भी समय समय पर सेनेटाइज किया जाएगा।
वहीं यात्रियों के लिए फेस मास्क और स्क्रीनिंग आवश्यक होगी। लिफ्ट में भी एक बार में केवल तीन यात्रियों को जाने की मंजूरी होगी। दिल्ली एनसीआर में सितंबर से मेट्रो चलाने की तैयारी है। दिल्ली सरकार इसके लिए पहले ही केंद्र सरकार से कह चुकी है। मेट्रो को चरणबद्ध तरीके से चलाया जाएगा। अनलॉक-4 में दिल्ली मेट्रो के सिर्फ 38 फीसदी गेट से ही यात्रियों का प्रवेश और निकास होगा। दिल्ली मेट्रो के कुल 671 गेट हैं, जिनमें से सिर्फ 257 गेट ही खुलेंगे। स्टेशन के अनुसार से खुलने वाले प्रवेश और निकास द्वार तय कर दिए गए हैं। बड़े इंटरचेंज वाले स्टेशन पर भीड़ को नियंत्रित करने के व्यापक इंतजाम किए जा रहे हैं। ज्यादा भीड़ होने पर स्टेशन में यात्रियों का प्रवेश को रोक दिया जाएगा।
ज्यादा देर तक रुकेगी ट्रेन
बड़े इंटरचेंज स्टेशन पर मेट्रो को ज्यादा देर तक रोका जाएगा। सोशल डिस्टेंसिंग के पालन की वजह से यह फैसला लिया गया है। इससे मेट्रो में सफर का समय भी बढ़ जाएगा। अभी द्वारका से बॉटनिकल (ब्लू लाइन) की 56 किलोमीटर की लाइन पर 65 मिनट से अधिक समय लगता है। मगर आने वाले दिनों में इस समय में 10 से 15 मिनट का इजाफा हो जाएगा।
सीसीटीवी, वालंटियर करेंगे निगरानी
स्टेशन पर कही भीड़ एकत्रित न हो, इसके लिए तकनीक के साथ दिल्ली मेट्रो मैन पावर का भी इस्तेमाल करेगी। स्टेशन के अंदर लगे सीसीटीवी कैमरे से स्टेशन कंट्रोलर इसकी निगरानी करेगा। इसके अलावा मेट्रो के पास एक वालंटियर्स की टीम है, जिसका इस्तेमाल ऐसे मौके पर किया जाता है। मेट्रो परिचालन के दौरान इस टीम को भीड़भाड़ वाले स्टेशनों पर उतारा जाएगा।
सभी यात्रियों की स्क्रीनिंग
मेट्रो स्टेशन पर सभी यात्रियों की स्क्रीनिंग होगी। थर्मल स्क्रीनिंग के साथ ही उन्हें सेनेटाइजर भी उपलब्ध कराया जाएगा। मेट्रो में सफर के लिए आरोग्य सेतु एप को डाउनलोड करना होगा। किसी भी संदिग्ध यात्री को मेट्रो में सफर करने की इजाजत नहीं दी जाएगी।