पूर्वी दिल्ली से मध्य और उत्तरी दिल्ली को जोड़ने वाले सबसे व्यस्त कहे जाने वाले युधिष्ठिर फ्लाईओवर (कश्मीरी गेट फ्लाईओवर) में तकनीकी विशेषज्ञों की टीम ने कई खामियां पाई हैं। इसे देखते हुए 19 साल बाद इस फ्लाईओवर की मरम्मत होने जा रही है। इस फ्लाईओवर के सभी एक्सपेंशन ज्वाइंट (फ्लाईओवर के दो भागों के बीच लगाई जाने वाली रबड़ की परतें) बदले जाएंगे। टूट चुके क्रैश बैरियर (फ्लाईओवर पर रेलिंग के लिए चार फुट के हिस्से) की मरम्मत की जाएगी। यमुना के ऊपर के भाग में लगी लोहे की जाली को बदला जाएगा। इसके अलावा सभी पिलर पर लगी बेयरिंग को भी बदला जाएगा। इस कार्य पर करीब 22 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह कार्य एक साल में पूरा कर लिया जाएगा।
लोक निर्माण विभाग द्वारा कराई गई इस फ्लाईओवर की तकनीकी जांच में कई कमियां मिली हैं। इन्हें दूर कराए जाने की बात पर जोर दिया गया है। 20 मार्च को इसकी मरम्मत के आदेश दिए गए थे। टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। मगर लॉकडाउन से मरम्मत कार्य शुरू नहीं हो सका है। क्योंकि लॉकडाउन में दिल्ली सरकार ने आदेश जारी कर इस कार्य पर खर्च होने वाली राशि को रोक लिया है। माना जा रहा है कि 31 अक्टूबर के बाद राशि जारी हो जाएगी। जिसके बाद काम शुरू हो जाएगा। लोक निर्माण विभाग का कहना है कि काम के दौरान फ्लाईओवर के एक-एक तरफ के भाग को बंद किया जाएगा। इसके लिए विभाग को यातायात पुलिस से अनुमति लेनी होगी।
1991 में बना था फ्लाईओवर:
इस फ्लाईओवर का निर्माण 1991 में कराया गया था। जीटी रोड पर यमुना पर बना यह फ्लाईओवर पूर्वी दिल्ली को उत्तरी दिल्ली और मध्य दिल्ली से जोड़ता है। जानकार बताते हैं कि इस फ्लाईओवर से पहले पूर्वी दिल्ली को मध्य दिल्ली से जोड़ने के लिए इस क्षेत्र में केवल पुराना लोहे का पुल था। लोहे के पुल पर एक से दो घंटे तक का जाम लगता था। युधिष्ठिर फ्लाईओवर के बन जाने से लोगों को बहुत राहत मिली है। यह फ्लाईओवर करीब डेढ़ किलोमीटर लंबा है। जो महाराणा प्रताप अंतरराज्यीय बस अड्डे से शुरू होता है और यमुना को पार कर शास्त्रीपार्क की तरफ आता है।
- ’ सभी एक्सपेंशन ज्वाइंट बदले जाएंगे
- ’ टूट चुके क्रैश बैरियर की मरम्मत की जाएगी
- यमुना के ऊपर के भाग में लगी लोहे की जाली को बदला जाएगा
- सभी पिलर पर लगी बेयरिंग को भी बदला जाएगा
- पूर्वी दिल्ली से मध्य और उत्तरी दिल्ली को जोड़ता है यह फ्लाईओवर