दिल्ली में वायु प्रदूषण की बढ़ती मात्रा के कारण साँस लेना मुश्किल होता जा रहा है। इसका प्रमुख कारण गाड़ियों और कबाड़ के जलने से निकलने वाला धुंआ है। रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली, बांग्लादेश की राजधानी ढका, अफगानिस्तान की राजधानी काबुल और कतर की राजधानी दोहा से भी अधिक प्रदूषित है। यह रिपोर्ट एक स्विस कंपनी ने दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानियों के संबंध में जारी की है।
रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में पीएम-2.5 कणों का स्तर 84.1 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर मापा गया है। पीएम-2.5 कण हवा में मौजूद सबसे खतरनाक कण है जो साँस के साथ शरीर में प्रवेश करता है और फेफड़े संबंधी विभिन्न बिमारियों को जन्म देता है। पीएम-2.5 कण वाहनों के ईंधन और कूड़े-कचरे के जलने से उत्तपन्न होता है।
विशेषज्ञों की माने तो इस प्रदूषण का प्रमुख कारण राजधानी में धूल भरी हवाएं और वर्षा की कम मात्रा है। हालाँकि इस रिपोर्ट में पिछले वर्षों के मुकाबले प्रदूषण दर में 10 फीसदी कमी आई है। इसकी सबसे बड़ी वजह कोरोना के कारण हुए लाॅकडाउन है। अगर दिल्ली के इस प्रदूषण का इलाज नहीं ढूंढा गया तो राजधानी में रहना सांस संबंधी विभिन्न रोगों को जन्म दे सकता है।