कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआइसी) के तहत बीमाकृत कर्मचारी खुद भी बेरोजगारी भत्ते के लिए अपना दावा पेश कर सकते हैं। कोरोना व लॉकडाउन की वजह से 24 मार्च, 2020 से 31 दिसंबर, 2020 की अवधि में बेरोजगार होने वाले कर्मियों को ईएसआइसी ने बेरोजगारी भत्ता देने की घोषणा की है। यह भत्ता तीन महीने के आधे वेतन के रूप में दिया जाएगा।
ऐसे कर सकते हैं आवेदन.
ईएसआइसी की तरफ से बेरोजगारी भत्ते के लिए गत 19 सितंबर को ही फैसला लिया गया था, लेकिन भत्ते के लिए आवेदन करने वालों की संख्या काफी कम दिख रही है। श्रम मंत्रलय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कोरोना व लॉकडाउन की वजह से बेरोजगार होने वाले पांच लाख कर्मियों ने भी अब तक इस भत्ते के लिए आवेदन नहीं किया है। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन में बेरोजगार होने वाले कर्मी ईएसआइसी की वेबसाइट पर या उसके दफ्तर में जाकर भत्ते के लिए आवेदन कर सकते हैं।
अमूमन नियोक्ता की तरफ से कर्मचारियों को बेरोजगारी भत्ता देने के लिए आवेदन किए जाते हैं। इस भत्ते के लिए आवेदन करने वालों को बेरोजगारी के 30 दिनों के भीतर राहत प्रदान करने का नियम रखा गया है। भत्ते की राशि कर्मचारी के बैंक खाते में दी जाएगी। आवेदन के दौरान बेरोजगार कर्मचारी को आधार कार्ड और बैंक पासबुक की कॉपी संलग्न करनी होगी। भत्ते के भुगतान से पहले कर्मचारी के कार्यस्थल पर जाकर इस बात की पुष्टि की जाएगी कि वह कर्मचारी सचमुच में बेरोजगार है या नहीं।
अब 3 महीने की 50% सैलरी भत्ते के रूप में.
श्रम मंत्रलय के अधिकारी के मुताबिक ईएसआइसी की तरफ से बेरोजगारी भत्ते का अटल बीमा कल्याण योजना के तहत भुगतान किया जाएगा। गत महीने श्रम मंत्री संतोष गंगवार की अध्यक्षता में ईएसआइसी ने इस बीमा योजना की अवधि को एक साल का विस्तार देने का फैसला किया था। इस योजना के तहत ईएसआइसी में बीमाकृत कर्मचारियों को बेरोजगारी भत्ता देने का प्रावधान है। लेकिन कोरोना और लॉकडाउन के कारण बेरोजगार होने वाले कर्मचारियों को तीन महीने की आधी सैलरी बेरोजगारी भत्ते के रूप में दी जाएगी। पहले 25 फीसद सैलरी ही बेरोजगारी भत्ते के रूप में दी जाती थी।