लाॅक डाउन के बाद नहीं रुक रहा लोगों का पलायन
दिल्ली में कल लगे एक हफ्ते के लाॅक डाउन के बाद सभी शिक्षण संस्थानों व लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। लेकिन इसके बावजूद भी लोगों का पलायन ने रुकने का नाम नहीं ले रहा है। दिल्ली के सभी बस डिपो, रेलवे स्टेशनों पर लोगों का जमावड़ा लगा हुआ है। लोग घर जाने को बेचैन हैं। उन्हें डर है कि कहीं लॉकडाउन लम्बा अगर हो गया तो उनकी आजीविका पर असर पड़ेगा ।
दिल्ली रेलवे व बस स्टैंड पर लोगों की भीड़
दिल्ली के कौशांबी बस डिपो की यह सुबह की तस्वीरें हैं। जहां मजदूर भारी संख्या में जमे हुए हैं। यही हाल अन्य बस डिपो व रेलवे स्टेशनों का भी है। वर्ष 2020 में भी लोग डाउन के वक्त इसी तरह की घटना सामने आई थी जिससे सरकार की नीति निर्देशों पर प्रशन चिह्न खड़ा होता है। सरकार बार बार लोगों को पलायन न करने की हिदायत दे रही है लेकिन मजदूरी कर अपना पेट भरने वाले लोगों को दिल्ली जैसे महानगरों में रहना एक बड़ी समस्या है।
मजदूरों का पलायन दे सकता है खतरे की घंटी
दिल्ली जैसे महानगरों में पलायन में होने वाले मज़दूरों की संख्या से अंदाजा लगा सकता है कि भविष्य में होने वाले किसी खतरे की आशंका को बयां करता है। दिल्ली व अन्य राज्यों में कोरोना के मामले जहां तेज़ी से लगातार बढ़ते जा रहे हैं। वहीं पलायन के लिए बस स्टेशनों व रेलवे स्टेशनों पर लोगों की भीड़ किसी भी कोरोना प्रोटोकॉल का पालन नहीं करती दिख रही है। लोगों द्वारा अपने राज्यों की ओर पलायन करने पर एक बड़ी समस्या राज्यों पर गहरा सकती है। रोज़गार के संकट से 2-3 महीने फिर वापस महानगरों की ओर लौटे लोग अब खाली हाथ फिर अपने घरों को लौट रहे हैं। इन घटनाओं से राज्यों की रोजगार सृजन ना कर पाने जैसे अहम मुद्दे पर राज्यों की पोल भी खुल रही है।