बारापुला फेज-तीन एलिवेटेड कारिडोर के लिए दिल्ली सरकार ने 100 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। बजट में किए गए इस राशि के प्रविधान से इस परियोजना के काम में तेजी आने के आसार हैं, क्योंकि जिस जमीन के कारण परियोजना के एक भाग में काम शुरू नहीं हो सका था, इस जमीन के भी मई तक लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) को मिल जाने की उम्मीद है। यह जमीन किसानों की है जो करीब आठ एकड़ है।

 

बता दें कि दक्षिणी दिल्ली और पूर्वी दिल्ली के बीच की राह आसान करने के लिए बनाए जा रहे साढ़े तीन किलोमीटर लंबे बारापुला फेज-तीन एलिवेटेड कारिडोर की बाधा दूर हो गई है। पीडब्ल्यूडी सात साल से इस जमीन का इंतजार कर रहा है। जमीन न मिलने से इस योजना के मयूर विहार फेज-एक की तरफ के हिस्से में यमुना नदी के किनारे काम नहीं हो सका है। करीब 500 मीटर में अभी खेत हैं जिनके ऊपर से परियोजना को गुजरना है।

 

दिल्ली सरकार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि परियोजना के तहत 8.5 एकड़ जमीन अधिग्रहण के लिए लैंड डिक्लेरेशन पिछले साल अगस्त में किया गया था। उसके बाद भूमि अधिग्रहण का काम लगभग पूरा हो चुका है। माना जा रहा है कि अगले माह तक किसानों की जमीन पीडब्ल्यूडी को सौंप दी जाएगी। जमीन मिलने के बाद परियोजना को पूरा करने में कम-से-कम डेढ़ साल का समय लगेगा।

 

इसके बनने के बाद मयूर विहार फेज-एक से एम्स तक बारापुला के माध्यम से मार्ग सिग्नल-फ्री हो जाएगा। अभी सराय काले खां से एम्स तक दो फेज में बारापुला बना हुआ है।

 

23 सितंबर, 2014 को हुआ था शिलान्यास:

बारापुला फेज-तीन परियोजना का शिलान्यास 23 सितंबर, 2014 को हुआ था। उस समय दिल्ली में चुनी हुई सरकार नहीं थी। इसका शिलान्यास तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने किया था।


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