Delhi Electricity New Rate: दिल्ली में बिजली की नई दरें निर्धारित करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। बिजली वितरण कंपनियों (डिस्काम) ने दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग (डीईआरसी) से बिजली की दर व अन्य शुल्कों में वृद्धि करने की मांग की है। डिस्काम का तर्क है कि बिजली की दर तर्क संगत नहीं होने की वजह से नुकसान उठाना पड़ रहा है, इसलिए दर में वृद्धि जरूरी है।
डीईआरसी तय करता है दर
राजधानी में बिजली की दर डीईआरसी करता है। इसकी प्रक्रिया मार्च में शुरू हो गई थी। दिल्ली में बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड (बीआरपीएल), बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड (बीवाईपीएल) व टाटा पावर दिल्ली डिस्टि्रब्यूशन लिमिटेड (टीपीडीडीएल) बिजली वितरण करने वाली कंपनियां हैं। इन्होंने 2020-21 के खर्च और 2021-22 के अनुमानित खर्च का विवरण डीईआरसी को भेजा है, जिसे डीईआरसी ने अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है और उपभोक्ताओं से 26 मार्च तक आपत्ति व सुझाव देने को कहा है।
बिजली खरीद हुई महंगी
डिस्काम का कहना है कि बिजली की खरीद महंगी हो रही है व अन्य खर्चे भी बढ़ गए हैं। इस अनुपात में बिजली की दर नहीं बढ़ रही है। लिहाजा, डीईआरसी से नई दर घोषित करने की मांग की गई है। इसके साथ ही बिजली खरीद लागत समायोजन (पीपीएसी) शुल्क की समीक्षा तीन माह के बजाय प्रत्येक माह करने की मांग की गई है। बिजली उत्पादन कंपनियों से बिजली खरीदकर उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराने में होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए डिस्काम बिजली बिल पर पीपीएसी शुल्क वसूलती हैं।
इसके साथ ही बुनियादी ढांचे पर हुए खर्च (रेगुलेटरी एसेट) की भरपाई के लिए उपभोक्ताओं से बिजली बिल पर आठ फीसद शुल्क वसूला जाता है। इसे भी बढ़ाने की मांग की जा रही है। इसके अलावा बिजली विभाग के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पेंशन देने के लिए भी उपभोक्ताओं से पेंशन अधिभार वसूला जाता है। डिस्काम कंपनियों ने इन सभी शुल्कों में वृद्धि की मांग की है।
जनसुनवाई की तारीख तय नहीं
डीईआरसी बिजली की दर बढ़ाने के संबंध में जनसुनवाई करने के बाद फैसला लेगा। कोरोना संकट की वजह से अभी तक जनसुनवाई की तारीख तय नहीं हो पाई है, लेकिन लोगों से वेबसाइट पर मिलीं आपत्तियों और सुझावों के बाद ही जनसुनवाई होगी और इसके बाद बिजली की नई दर घोषित होगी।