दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे के महत्वपूर्ण पड़ाव यूपी और उत्तराखंड की सीमा को जोड़ने वाली 340 मीटर लंबी सुरंग की खुदाई का कार्य पूरा कर लिया गया है। परियोजना से जुड़े अधिकारियों की मौजूदगी में पूजा-अर्चना के साथ टनल के दोनों सिरों को मिला दिया गया है। इसके साथ ही टनल निर्माण को अंतिम रूप देने की कवायद तेज कर दी गई है। दिसंबर से इसमें वाहन दौड़ने शुरू हो जाएंगे।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के क्षेत्रीय अधिकारी सीके सिन्हा ने बताया कि सुरंग की खुदाई का कार्य इसी साल 10 फरवरी को शुरू किया गया था। इसे 16 अगस्त को रिकॉर्ड समय में पूरा कर लिया गया। उन्होंने बताया कि डाटकाली मंदिर के पास बनाई जा रही इस सुरंग की लंबाई 340 मीटर है। इसका आधा हिस्सा उत्तर प्रदेश और आधा उत्तराखंड में आता है। सुरंग की चौड़ाई 14.20 मीटर है। परियोजना निदेशक पंकज मौर्य ने बताया कि सुरंग में गाड़ियों की आवाजाही को सुगम बनाने के लिए इसे तीन लेन का बनाया जा रहा है।
12 किलोमीटर लंबी एलिवेटेड रोड भी बन रही
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे परियोजना के तहत प्राधिकरण की देहरादून इकाई के पास गणेशपुर से डाटकाली अशारोड़ी तक करीब 20 किलोमीटर सड़क पर चौड़ीकरण का कार्य चल रहा है। इसमें सबसे अहम करीब 12 किलोमीटर लंबी एलिवेटेड रोड भी है। एलिवेटेड रोड के लिए कुल 571 पिलर बनाए जाने हैं। वर्तमान तक 240 पिलर पर काम पूरा हो चुका है। रो नदी में बनाई जा रही यह एलिवेटेड रोड विकास और वन्य जीव संरक्षण का एक नमूना भी होगा। गणेशपुर से करीब डेढ़ किलोमीटर आगे चलकर यह हाईवे वर्तमान हाईवे से अलग हो जाएगा और एलिवेटेड रोड में बदल जाएगा। परियोजना को अक्तूबर 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इससे दिल्ली से दून तक का सफर 2.5 से 3 घंटे में पूरा किया जा सकेगा।
सुरंग बनने से मिलेगी जाम से निजात
इस एलिवेटेड रोड के पूरा होने के बाद गणेशपुर से डाटकाली मंदिर के बीच एक घंटे का जाम भरा सफर भी महज 15 मिनट में पूरा होगा। यहां पर करीब 16 किलोमीटर लंबी एलिवेटेड रोड बनाई जाएगी और इससे मोहंड के मोड़ समाप्त हो जाएंगे। लाल पुल पर आए दिन जाम लगने से यात्रियों को काफी परेशानी होती है। इस क्षेत्र में मोबाइल नेटवर्क भी काम नहीं करते हैं। परियोजना पूरी होने के बाद लोग निकट भविष्य में एलिवेटेड रोड के माध्यम से मोबाइल नेटवर्क के डार्क एरिया से सरपट निकल सकेंगे।