दिल्ली सरकार की नई शराब नीति के विवाद में आने से बार में भी जाम छलकना बंद हो गए हैं। सोमवार को दिल्ली के 400 से अधिक बार व पब में सन्नाटे के साथ मायूसी पसरी रही। इस नीति के तहत 31 जुलाई तक ही उन्हें शराब बेचने की अनुमति थी। लाइसेंस की अवधि खत्म होने के बाद सोमवार को बार व पब में शराब नहीं छलके। कनाट प्लेस, खान मार्केट, हौजखास, ग्रीन पार्क, साउथ एक्स, बसंत कुंज, कालकाजी व ग्रेटर कैलाश जैसे बार के लिए लोकप्रिय ठिकाने भी पहले के मुकाबले खामोश रहे। बार के बाहर ड्राई डे या बार बंद हैं जैसे पोस्टर लगे हुए थे।
पीने वाले रहे मायूस
इससे वहां पहुंच रहे पीने वालों को मायूस होकर वापस लौटना पड़ रहा था। कई पार्टी और आयोजन जहां इसके चलते स्थगित करने पड़े तो इस कारण बार संचालकों और बुकिंग कराने वालों में विवाद की भी स्थिति बनी। नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन आफ इंडिया (एनआरएआइ) के कोषाध्यक्ष व बार संचालक मनप्रीत सिंह ने बताया कि दो बार में उन्हें चार माह का लाइसेंस दिया गया था। पहले अप्रैल व मई तथा बाद में जून और जुलाई के लिए लाइसेंस अवधि में विस्तार दिया गया था, जो 31 जुलाई को खत्म हो गई। ऐसे में वे बार में रखा शराब नहीं बेच सकते हैं। एक अगस्त को वे दिनभर आबकारी विभाग से राहत का इंतजार करते रहे।
लाइसेंस शुल्क में बढ़ोतरी से नहीं निकल रहा खर्च
कनाट प्लेस स्थित एक रेस्तरां व बार संचालक ने कहा कि जबसे नई शराब नीति आई है तब से ही परेशानी है। पहले उन्हें ठेके से शराब पूरी तरह से मिलने में दिक्कत आ रही थी। अब वह मिलना और बेचना दोनों बंद हो गया है। इसी तरह लाइसेंस शुल्क में कई गुना की बढ़ोत्तरी ने उनका खर्च तक नहीं निकल पा रहा है। इसके चलते कई बार संचालकों ने अपने लाइसेंस पहले ही वापस कर दिए हैं।
छलका दर्द: एक पर दो छूट में कौन पीने आएगा बार में
साउथ एक्स स्थित एक बार संचालक ने कहा कि जब एक पर एक या एक पर दो छूट की स्कीम इंपोर्टेड शराब पर चल रही है तो बार में कौन पीने आएगा। इस स्थिति से उनके कारोबार पर काफी प्रतिकूल असर पड़ा है। बिक्री 30 प्रतिशत तक घट गई थी। अब देखते हैं कि आगे कौन सी नीति आती है।