इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट (Indira Gandhi International Airport) का चौथा रनवे बनकर तैयार हो गया है। एयरपोर्ट के संचालन से जुड़ी एजेंसी डायल के सूत्रों का कहना है कि एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया की मंजूरी के बाद इसे विमानों की आवाजाही के लिए शुरू कर दिया जाएगा। डायल ने रनवे पर ट्रायल की अनुमति के लिए पत्र लिखा है।
उम्मीद है कि इस माह के अंत तक ट्रायल होगा। आइजीआइ देश का एकमात्र ऐसा एयरपोर्ट होगा, जहां चार रनवे की सुविधा होगी। डायल के मुताबिक चौथे रनवे के शुरू होने के बाद एयरपोर्ट पर विमानों की आवाजाही की क्षमता में डेढ़ गुना बढ़ोतरी हो जाएगी।
रोजाना होती है करीब 1200 विमानों की आवाजाही
अभी रोजाना यहां करीब 1200 विमानों की आवाजाही होती है। इसमें सभी तरह के चार्टर्ड विमान भी शामिल हैं। अभी एयरपोर्ट पर तीन टर्मिनल हैं। जिसमें टर्मिनल-3 सबसे बड़ा है। टर्मिनल-3 के पास अभी काफी जगह है। यहां अभी जितने विमान खड़े हो रहे हैं, उससे काफी अधिक विमान के यहां खड़े होने की क्षमता है।
इसके अलावा एयरपोर्ट पर एक और टर्मिनल के निर्माण की योजना है। चौथा रनवे एयरपोर्ट की भविष्य से जुड़ी सभी जरूरतों को पूरा करने में सक्षम साबित होगा। इससे टर्मिनल-3 भी पूरी क्षमता के साथ कार्य कर सकेगा।
4400 मीटर लंबा है रनवे
चौथे रनवे की लंबाई 4400 मीटर रखी गई है। इसकी चौड़ाई 75 मीटर है। तीसरे रनवे के सामानांतर इसका निर्माण किया गया है। चौथे रनवे के तैयार होने से विमानों के संचालन में काफी सहूलियत होगी। लंबाई में यह तीसरे रनवे से थोड़ा छोटा है। एयरपोर्ट सूत्रों की मानें तो अक्टूबर महीने में इसे शुरू किया जा सकता है।
एलिवेटेड टैक्सी-वे का भी निर्माण जोरों पर
एयरपोर्ट पर अभी और भी कई अहम निर्माण हो रहे हैं। इसमें सबसे बड़ा निर्माण एलिवेटेड टैक्सी-वे का हो रहा है। यह भारत का पहला एलिवेटेड टैक्सी-वे है। एलिवेटेड टैक्सी-वे टर्मिनल-1 व टर्मिनल-3 को आपस में जोड़ने का कार्य करेगा। इसके बनने से टर्मिनल-3 में अधिक विमानों की आवाजाही हो सकेगी।
कई बार पर्याप्त जगह के अभाव में विमानों को उड़ान भरने में विलंब की समस्या का सामना करना पड़ता है। क्योंकि टैक्सी-वे पर जगह नहीं मिलने के कारण विमानों को टर्मिनल के पास खड़ा किया जाता है। इससे विमानों के आवागमन में दिक्कत होती है।