पबजी के प्रति लोगों में बढ़ती दिवानगी किसी से छिपी नहीं है। बेशक इस गेम को सरकार ने बैन कर दिया है, लेकिन फिर भी जिनके मोबाइल में ये पहले से इंस्टॉल है, वह इसे आज भी खेल रहे हैं। पबजी से जुड़ी एक खबर अब उत्तरी दिल्ली के तिमारपुर से सामने आई है। जहां एक 15 साल के लड़के ने अपने दादा के पेंशन अकाउंट से लाखों रुपये निकाल लिए हैं। इस लड़के ने पबजी गेम के फंड्स के लिए दादा के अकाउंट से पैसे निकालकर उन्हें ऑनलाइन वॉलेट में ट्रांसफर किया है। इस मामले की गुत्थी सुलझाने के बाद इस बात की जानकारी पुलिस ने सोमवार को दी है।
अकाउंट से 2.34 लाख रुपये निकाले
इसपर डिप्टी पुलिस कमिश्नर (द्वारका) एंटो एल्फांसे का कहना है कि लड़के ने 2 महीने के अंतराल में अपने 65 वर्षीय दादा के अकाउंट से 2.34 लाख रुपये निकाले हैं। लेकिन एक दिन दादा को इस बात की भनक लग गई। लड़का भारी पैसा भरने के बाद एस लेवल तक पहुंच गया था, लेकिन फिर भी पूरी तरह से गेम नहीं खेल पाया। डीसीपी ने बताया, ‘उसने हमें बताया कि उस लेवल तक पहुंचने के बाद उसका पबजी का अकाउंट हैक हो गया था।’
8 मई को फोन पर आया मैसेज
मामले की जांच से जुड़े एक अन्य अधिकारी ने बताया कि लड़के के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई होने की संभावना नहीं है क्योंकि अब उसके दादा को इस बात का पता चल गया है कि उनके अकाउंट से पैसा कहां जा रहा था। तो वो मामले को रफा दफा करना चाहते हैं। बुजुर्ग व्यक्ति को 8 मई को फोन पर एक मैसेज आया था, जिसमें बताया गया कि बैंक अकाउंट से 2500 रुपये निकले हैं और केवल 275 रुपये बचे हैं। डीसीपी ने बताया, ‘इसके बाद शिकायतकर्ता बैंक गए, जहां उन्हें पता चला कि उनके अकाउंस से एक पेटीएम अकाउंट में 2 महीने के बीच कई बार पैसे निकाले गए और कुल 2.34 लाख रुपये ट्रांसफर किए गए। जिसके बाद वह हमारे पास आए।’
साइबर ब्रांच ने सुलझाईमामले की गुत्थी
कुछ महीनों तक तो पुलिस को भी मामले में कोई जानकारी नहीं मिली लेकिन फिर 1 सितंबर को मामला उत्तरी दिल्ली पुलिस डिस्ट्रिक्ट की साइबर ब्रांच को सौंप दिया गया। डीसीपी ने आगे बताया, ‘हमने पेटीएम से संपर्क किया उस शख्स का पता लगाने के लिए जिसके अकाउंट में पैसा ट्रांसफर किया गया था। हमें पता चला कि अकाउंट होलडर नाबालिग है। फिर हमने उसका पेटीएम आईडी और पासवर्ड मांगा।
लड़के ने हमें बताया कि उसके नाबालिग दोस्त ने उसका पेटीएम आईडी और पासवर्ड मांगा था। फिर हमें इस बात का पता चला कि लड़का तो शिकायतकर्ता का पोता है।’ जब पुलिस ने लड़के से बात की तो उसने बताया कि वह कई महीनों से गेम खेल रहा है लेकिन इसे ठीक से खेल नहीं पा रहा था क्योंकि उसके लिए पैसे भरने होते हैं। एक दिन उसे दादा का डेबिट कार्ड मिला और वह उससे पैसे निकालने लगा। वह फोन पर ओटीपी देखता और फिर मैसेज डिलीट कर देता था।