सैकड़ों करोड़ रुपये की लागत से बने चांदनी चौक के मोटर वाहन रहित मार्ग (एनएमवी) की बदहाली में सुधार की मियाद अगले माह छह जुलाई तय की गई है। करीब नौ माह बाद हुई शाहजहांनाबाद पुनर्विकास निगम (एसआरडीसी) की बैठक में तय हुआ कि इन 15 दिनों में गंदगी व बेघरों के मोर्चे पर सुधार लाते हुए रिक्शों की संख्या भी सीमित की जाएगी।

 

इसी तरह इस मार्ग पर आने वाले मोटर वाहनों से भारी जुर्माना वसूला जाएगा।

यह बैठक आइटीओ स्थित लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मुख्यालय में हुई। जिसमें पीडब्ल्यूडी, दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी), अग्निशमन विभाग, इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (आइजीएल), भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ), दिल्ली पुलिस, यातायात पुलिस, दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डूसिब) व दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) समेत अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

यह बैठक ऐसे समय में हुई, जब उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने स्थलीय निरीक्षण में चांदनी चौक में गंभीर खामियां पाई थी और इसे लेकर अधिकारियों को फटकार लगाते हुए जल्द सुधार की ताकीद की थी। सूत्रों के मुताबिक बैठक में चांदनी चौक की नव निर्मित सड़क और सुंदरीकरण के कार्यों की बदहाली के साथ रूके कार्यां पर चिंता जताई गई।

 

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा लाल जैन मंदिर से फतेहपुरी मस्जिद तक के 1.4 किमी लंबी सड़क का उद्घाटन पिछले वर्ष सितंबर माह में किया गया था। इसके ठीक पहले एसआरडीसी की पिछली बैठक हुई थी। उसके बाद भी अभी तक इस मार्ग पर मोटर वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाने के मुकम्मल इंतजाम नहीं हुए हैं।

इससे जुड़े कटरों, कूचों और गलियों पर बूम बैरियर पूरी तरह से काम नहीं कर रहे हैं। इसी तरह नंबर के आधार पर अवैध प्रवेश करने वाले वाहनों का स्वत: चालान करने के लिए 23 आटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर (एएनपीआर) कैमरे लगा तो दिए गए हैं, लेकिन उसे अभी तक चालू नहीं किया गया है।

 

ऐसे में बैठक में तय हुआ कि चांदनी चौक में बनाए गए इसके कंट्रोल कक्ष को शुरू करने के साथ इनका कनेक्शन टोडापुर स्थित यातायात विभाग के मुख्यालय से जोड़ा जाएगा। इसी तरह बार-बार खुदाई से खराब हो रही लाल पत्थरों से बनी सड़क की खोदाई को लेकर मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) बनाने का मसौदा बना।

इस ऐतिहासिक शहर में अवैध रिक्शों की भरमार पर लगाम लगाने की जिम्मेदारी यातायात पुलिस, दिल्ली पुलिस व एमसीडी को सौंपी गई। उनसे कहा गया कि हर हाल में चांदनी चौक में 400 से अधिक रिक्शें न हो। सेंट्रल वर्ज और फुटपाथ पर डेरा डाले भिखारियों को आश्रय गृहों में भेजने की जिम्मेदारी डूसिब के साथ नगर निगम को दी गई है।

 

मुफ़्त में मिलेगी सेवा:

कई कम्पनियों के साथ CSR के तहत करार कर के मुफ़्त में e-रिक्शा भी चालये जाएँगे. यात्री इन रिक्शों का प्रयोग चाँदनी चौक और उसके भीतर ख़रीददारी करने में करेंगे. इस प्रोजेक्ट में मुख्य रूप से बिल्डर और फ़ैशन लोकल कम्पनियों ने दिलचस्पी दिखाया हैं.

कुछ तो अभी भी कर रहा हूँ आप लोगो के लिये ख़ैर आप email पर लिख भेजिए मुझे hello@delhibreakings.com पर

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