दिल्ली-मेरठ रैपिड ट्रेन के आनंद विहार स्टेशन (भूमिगत) के निर्माण की योजना में परिवर्तन किया गया है। नई योजना के तहत आनंद विहार बस अड्डा परिसर में यह स्टेशन जमीन से आठ मीटर नीचे बनेगा। पहले इसे जमीन से 15 मीटर नीचे बनाना प्रस्तावित किया गया था।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) के अधिकारियों ने दावा किया है कि कम गहराई होने के चलते बुजुर्गों, बच्चों, दिव्यांगों से लेकर हर यात्री को सुविधा होगी। उन्हें प्लेटफार्म तक जाने और वहां से ऊपर आने में कम चलना पड़ेगा।
दूसरी जगह स्टेशन बनाना नहीं था संभव: यातायात के एक से दूसरे माध्यम तक यात्रियों की आवाजाही को सुगम बनाने के लिए आनंद विहार में बस अड्डा, मेट्रो स्टेशन और ट्रेनवे स्टेशन से रैपिड ट्रेन कारिडोर से जोड़ना (मल्टी माडल इंटिग्रेशन) है। इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए प्रस्तावित स्थान पर ही स्टेशन बनना जरूरी था, इसलिए स्टेशन ज्यादा नीचे बनाने के बजाय कम गहराई पर बनाना तय किया गया।
इस बाबत एनसीआरटीसी के अधिकारियों का कहना है कि स्टेशन को निर्धारित स्थान से आगे बनाने के लिए पर्याप्त जगह थी, लेकिन उससे मल्टी माडल इंटिग्रेशन करना संभव नहीं होता।
अलग अनुभव महसूस करेंगे यात्री
स्टेशन के निर्माण की योजना के साथ रैपिड ट्रेन का भूमिगत ट्रैक बनाने के डिजाइन में भी बदलाव किया गया है। भूमिगत ट्रैक के लिए सुरंग जमीन से बीस मीटर नीचे खोदी जा रही है। इस ट्रैक को स्लोप के माध्यम से उठा कर आनंद विहार स्टेशन के स्तर पर लाया जाएगा। फिर साहिबाबाद की ओर ट्रैक को नीचे उतारा जाएगा। इससे यात्रियों को अलग अनुभव महसूस होगा।
मिलेंगी यह सुविधाएं
- तीन लिफ्ट लगेंगी (प्लेटफार्म तक पहुंचने के लिए एक और मेट्रो से कनेक्ट करने के लिए दो)
- पांच स्वचालित सीढ़ियां होंगी (तीन प्लेटफार्म तक पहुंचने के लिए और दो मेट्रो से कनेक्ट करने के लिए)
- दो प्रवेश व निकास द्वार बनाए जाएंगे (एक प्रवेश द्वार चौधरी चरण सिंह मार्ग की ओर और दूसरा आनंद विहार ट्रेनवे स्टेशन की ओर होगा)