एक नजर पूरी खबर
- मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ऐलान किया कि वह दिल्ली में रेलवे लाइन के आसपास बनी झुग्गी बस्तियों में रहने वाले लोगों को विस्थापित नहीं होने देंगे।
- केजरीवाल ने कहा कि हर झुग्गी वाले का यह कानूनी अधिकार है कि उसका एक घर हो।
शीर्ष अदालत ने 31 अगस्त को एक फैसले में दिल्ली में रेलवे लाइन के किनारे बनी 48,000 झुग्गियों को तीन महीने के अंदर हटाने का निर्देश दिया था। इस मुद्दे पर दिल्ली विधानसभा के एक दिवसीय सत्र के दौरान बहस हुई और इस दौरान सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी और विपक्षी दल भाजपा ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाया। नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन में नारेबाजी करते हुए 2022 तक सभी को घर उपलब्ध कराने के उनके अभियान की प्रशंसा की।
केजरीवाल ने कहा कि मेरा मानना है कि महामारी के इस दौर में 48,000 झुग्गियों को हटाना सही नहीं है। यदि वह स्थान कोरोना वायरस हॉटस्पॉट बन गया तो क्या होगा? कानून कहता है कि पुनर्वास से पहले उन्हें हटाया नहीं जाना चाहिए। हर झुग्गी वाले का यह कानूनी अधिकार है कि उसका एक घर हो।
बता दें कि, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ऐलान किया कि वह दिल्ली में रेलवे लाइन के आसपास बनी झुग्गी बस्तियों में रहने वाले लोगों को विस्थापित नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार उन्हें घर मुहैया कराने के लिए केंद्र के साथ मिलकर काम करेगी।
दिल्ली में रेलवे लाइन के आसपास बनी झुग्गी बस्तियों को सोमवार को उस समय बड़ी राहत मिली जब केन्द्र ने उच्चतम न्यायालय को यह आश्वासन दिया कि सरकार द्वारा इस मामले में अंतिम निर्णय लिये जाने तक इन झुग्गियों को नहीं हटाया जायेगा।