देश के कई इलाकों में कोरोना वायरस के संक्रमण के इलाज में जीवन रक्षक मानी जा रही रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी रुकने का नाम नहीं ले रही। अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिजनों को कई गुना ज्यादा कीमत पर बाहर से रेमडेसिविर का इंजेक्शन लाने को कहा जा रहा है। इससे चलते ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DGCI) ने रेमेडिसवियर की कालाबाजारी की किसी भी शिकायत पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा जो लोग लोगों का शोषण कर रहे हैं और दवा की कृत्रिम कमी पैदा कर रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
Drugs Controller General of India (DGCI) has directed for strict action into any complaint of black marketing of Remdesivir. Those who are exploiting people&creating artificial shortage of medicine,strict action should be taken against them:Union Health Minister Dr Harsh Vardhan
— ANI (@ANI) April 14, 2021
ऐसे होती थी ठगी
लोगों को शहर के ही एक क्लीनिक से रेमडेसिविर का इंजेक्शन लाने को कहा जा रहा था । अस्पताल के कर्मी बाकायदा पर्ची पर क्लीनिक का पता लिखकर दे रहा था । परिजनों का कहना है कि इंजेक्शन की कीमत 900 रुपये है, लेकिन उनसे इसके लिए 2 हजार रुपये मांगे जा रहे थे ।
रेमेडिसविर की कमी पर DGCI ने कही यह बात
रेमेडिसविर की कमी इसलिए हुई क्योंकि इसका उत्पादन कम हो गया था इससे पहले फरवरी के माहिने में COVID19 के मामले कम हो रहे थे। हमारे ड्रग कंट्रोलर और मंत्रालय ने हितधारकों के साथ बैठक की और निर्माताओं को उत्पादन को मजबूत करने के लिए निर्देश दिया गया है।