दिल्ली में जनसंख्या बढ़ने के कारण उससे रोजाना निकलने वाले कूड़े की मात्रा भी दिन पर दिन बढ़ती ही जा रही है। दिल्ली में पिछले 20 सालों में एक रिपोर्ट के अनुसार 184 प्रतिशत कूड़ा निकलने की मात्रा बढ़ी है। दिल्ली में साल 2001 में रोजाना 5543 टन कूड़ा दिल्ली कैंट बोर्ड, एमसीडी और एनडीएमसी को मिला कर जमा होता था। अब करीब 15,750 टन इस कूड़े कि संख्या हो गई है। दिल्ली की सभी लैंडफिल साइट्स पर इतना कूड़ा रखने के लिए अब जगह नहीं बची है, वह पहले से ही भर चुकी हैं।
एमसीडी के अनुसार दिल्ली में योजनानुसार और बेहतर विकास के लिए 2041 मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है। इस मास्टर प्लान के हर जोनल प्लान में अलग-अलग साइट का उल्लेख हर कार्य के लिए किया जाता है और भविष्य की योजनाएं उन्हीं साइटों पर तैयार की जाती हैं। 2041 मास्टर प्लान में दिल्ली में रोजाना कूड़ा रखने के लिए चार नई साइटों का उल्लेख किया गया है।
इन साइटों के अलावा पुठखुर्द (55 हेक्टेयर), जैतपुर (9.8 हेक्टेयर), बवाना में सुल्तानपुर डबास (16 हेक्टेयर), नरेला रोड (28 हेक्टेयर) में नई लैंडफिल साइट तैयार करने का भी उल्लेख किया गया है। यहां लैंडफिल साइट्स बनाने की तैयारियां भी शुरु हो गयी हैं।