दिल्ली में मेट्रो संचालन के साथ ही प्रबंधन ने नया फैसला लिया है और उसने कहा है कि दिल्ली मेट्रो में एक कोच में अधिकतम 50 से 60 लोग यात्रा कर सकते हैं और अगर इससे ज्यादा भीड़ हुई और सोशल डिस्टेंसिंग खत्म हुआ तो अगले स्टेशन पर यात्रियों को कोच से बाहर निकाल दिया जाएगा.
इसके लिए दिल्ली मेट्रो के मैनेजमेंट ने अतिरिक्त 1000 विशेष कर्मी नियुक्त किए हैं जो इस पर निगरानी रखेंगे, इसके साथ ही निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे की भी मदद ली जाएगी.
नई व्यवस्था की वजह से लोगों की यात्रा करने का समय थोड़ा बढ़ जाएगा वही परिचालन के साथ ही यह भी कहा गया है कि लोगों को कम से कम 1 मीटर की दूरी कोच के अंदर बनाए रखने अनिवार्य है. इसके साथ दो यात्रियों के बीच एक सीट खाली रखने का भी प्रावधान दिया गया है.
अनुमानित 50 से 60 लोगों से ज्यादा यात्रा के दौरान एक कोच में पाए जाते हैं तो यात्रियों को उतारकर अगले स्टेशन पर अगली खाली ट्रेन आने का इंतजार करना होगा.
प्लेटफार्म और ट्रेन दोनों जगह भीड़ तो नहीं चढ़ेंगे यात्री
अगर किसी प्लेटफार्म पर यात्रियों की भीड़ ज्यादा है और अंदर कोच में तय सीमा में यात्री भरे हुए हैं तो उस स्टेशन पर हो सकता है कि मेट्रो को ना रोका जाए और निगरानी विभाग के टीम के इनपुट के अनुसार ट्रेन के गेटों को नहीं खोला जाएगा ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन रखा जा सके और सुरक्षित यात्रा चालू रहे.
ना लगे भीड़ रिवर्सल ट्रेन भी चलाएगी मेट्रो
मेट्रो में भीड़ न हो इसके लिए दिल्ली मेट्रो कॉरिडोर के आखिरी स्टेशन से कुछ स्टेशन पहले ज्यादातर दिल्ली सीमा से सटे मेट्रो स्टेशन से रिवर्सल ट्रेन भी चलाएगी। मसलन कुछ ट्रेन आखिरी स्टेशन तक जाने के बजाएं बीच में रिवर्स कर दी जाएगी। ब्लू लाइन पर वैशाली आखिरी स्टेशन है। जरूरी नहीं है कि द्वारका से आने वाली सभी ट्रेन वैशाली तक जाएं। उसे आनंद विहार मेट्रो स्टेशन से भी वापस लौटाया जा सकता है। इससे प्लेटफार्म पर जुटी भीड़ को कम किया जा सकेगा। इसी तरह हुडा सिटी सेंटर, द्वारका सेक्टर-21, बहादुरगढ़ से पहले जहां ट्रैक चेंज की सुविधा होगी वहां से ट्रेन को वापस लौटा दिया जाएगा।
दिल्ली में काली रंग की मिनी बस जोकि सहदारा से पूरानी देल्ही जा ती है उसमें देखा जा सकता है जनता को भर कर लेके जाति है, फिर दिल्ली सरकार कैसे सोशियल distancing का दावा करती है ।