दिल्ली। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली के शोधकर्ताओं ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। अब वैज्ञानिकों द्वारा तैयार मशीन के जरिए बिना किसी उत्सर्जन के इलेक्ट्रॉनिक कचरे (ई) कचरे से धातु को निकाला जा सकेगा। वहीं ई-कचरे से धातु को 100 फीसदी तक निकाल देने की उपलब्धि से इस तकनीक की सराहना की जा रही है।

आईआईटी दिल्ली के शोधकर्ताओं के अनुसार ई-कचरे से धातु को निकालने के तीन चरण हैं। पहले चरण में तापमान बढ़ाकर ई-कचरे को पिघलाया जाता है। दूसरे चरण में पृथक्करण विधि द्वारा धातु को अलग किया जाता है। वहीं तीसरे चरण में धातु को अलग-अलग रुप में प्राप्त किया जाता है।

Images 2021 03 02T140629.022 Iit Delhi ने विकसित की ई-कचरे से धातु निकालने की तकनीक

यह प्रोजेक्ट आईआईटी दिल्ली के कैमिकल इंजीनियरिंग विभाग के देखरेख में विकसित किया जा रहा है। जिसका नेतृत्व विभाग के प्रो० केके पंत कर रहे हैं। प्रो० केके पंत का कहना है कि अगर ई-कचरे जैसी समस्या का समाधान ना किया गया तो भविष्य में यह ठोस कचरे के पहाड़ के रुप में जन्म दे देगा।

यही वजह है कि उन्होंने अपनी देखरेख में शोध कर रहे छात्रों के साथ इस प्रोजेक्ट पर काम शुरु किया। मीडिया को दिए बयान में उन्होंने यह भी बताया कि इस तकनीक के तहत बनाए गए पायरोलाइसिस प्लांट द्वारा प्रति घंटे 10 किलोग्राम ई-कचरे से धातु निकाला जा सकता है। उन्होंने कहा अभी तक भारत में इस तरह की तकनीक नहीं दी अब इसकी मदद से पर्यावरण को स्वच्छ रखने में भी मदद मिलेगी।