नई दिल्ली देश के अन्य राज्यों की तर्ज पर दिल्ली में भी जल्द ही लैंड (भूमि) बैंक शुरू होगा। एक सामान्य बैंक की तरह यहां रुपये पैसे की नहीं बल्कि जमीन की जमा-निकासी होगी। बैंक का मुख्य मकसद हरित क्षेत्र के विस्तार में आ रही दिक्कतों को दूर करना होगा। दिल्ली के वन विभाग और दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के बीच इस बाबत सहमति बन गई है। सितंबर में यह बैंक शुरू हो जाने की संभावना है।
विकास कार्यो के लिए दिल्ली में पेड़ काटना बहुत बार मजबूरी बन जाता है। हालांकि, इस स्थिति में संबंधित एजेंसी द्वारा एक के बदले 10 पेड़ लगाए जाने का प्रावधान है, लेकिन पेड़ लगाने के लिए जगह न मिलना बड़ी समस्या बन जती है। निर्माण कार्य करने वाली एजेंसी वन विभाग से जमीन मांगती है, जबकि वन विभाग कई बार असहाय स्थिति में आ जाता है। इसी समस्या के समाधान के लिए लैंड बैंक की योजना तैयार की गई है।
अधिकारियों के मुताबिक इस योजना के तहत बैंक में भूमि ही जमा होगी और इसी की निकासी होगी। दिल्ली में भूमि चूंकि डीडीए के ही पास होती है, लिहाजा डीडीए हर साल वन विभाग को चाहे एक ही जगह अथवा अलग-अलग जगह खाली जमीन उपलब्ध कराएगा। जमीन का मालिकाना हक उसी के पास होगा, लेकिन सात साल तक वह वन विभाग के अधिकार क्षेत्र में रहेगी। किसी भी एजेंसी को पेड़ लगाने के लिए यदि जमीन की जरूरत होगी तो उसे वन विभाग से जमीन मिल जाएगी। वन विभाग संबंधित एजेंसी को उसकी जरूरत के मुताबिक जमीन देगा। पेड़ लगाने के बाद जमीन की देखभाल भी करनी होगी।
शुरुआती पत्र व्यवहार के बाद हाल ही में डीडीए व वन विभाग के अधिकारियों की वीडियो कान्फ्रेंसिग के जरिए एक बैठक हुई थी। इसमें यह बिदु भी सामने आया कि डीडीए की खाली जमीन पर अक्सर अतिक्रमण या अवैध कब्जा होने के मामले आते रहते हैं। बाद में वह जमीन कानूनी दांव पेच में फंस जाती है। इससे तो बेहतर है कि उसका कुछ हिस्सा वन विभाग को ही दे दिया जाए। इससे जहां एक तरफ हरित क्षेत्र का विस्तार संभव हो सकेगा वहीं दूसरी ओर जमीन की देखभाल सुनिश्चित हो सकेगी। अधिकारियों के मुताबिक इसके बाद इस योजना पर सहमति बन गई है।
लैंड बैंक देश के अन्य राज्यों में भी हैं। दिल्ली में बहुनिकाय व्यवस्था होने के कारण इसकी जरूरत और ज्यादा है। वैसे इस साल भी मानसून में पौधारोपण करने के लिए डीडीए ने 67 हेक्टेयर जमीन दी है। बैंक के लिए भी अगले कुछ दिनों में जमीन मिल जानी चाहिए।
-ईश्वर सिंह, प्रधान मुख्य वन संरक्षक, दिल्ली सरकार।