सरकारी सहायता से चलने वाले गैर-सरकारी स्कूलों से रिटायर हो चुके शिक्षकों और स्टॉफ के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। कोरोना काल में स्वतंत्रता दिवस 2020 से एक दिन पहले हरियाणा सरकार ने सहायता प्राप्त गैर-सरकारी स्कूलों से 28 जुलाई, 1988 से 10 मई, 1998 तक की अवधि के दौरान रिटायर हुए शिक्षकों और गैर-शिक्षक कर्मियों को पंडित दीन दयाल उपाध्याय मानदेय योजना के माध्यम से मासिक पेंशन देने का निर्णय लिया है।
राज्य सरकार के इस फैसले के तहत ऐसे स्कूलों के रिटायर्ड प्रिंसिपल को 20,000 रुपये, हेड मास्टर को 18,000 रुपये, प्राध्यापक को 16,000 रुपये, अध्यापक/हिन्दी/पंजाबी/संस्कृत/उदूर् अध्यापक को 14,000 रुपये, जेबीटी/कला अध्यापक/पीटीआई/कटिंग एवं टेलरिंग अध्यापक को 12,000 रुपये, नॉन टीचिंग स्टाफ (तृतीय श्रेणी) को 11,000 रुपये और नॉन टीचिंग स्टाफ (चतुर्थ श्रेणी) को 6,000 रुपये मासिक पेंशन दी जाएगी।
खट्टर सरकार के इस फैसले से लगभग 352 कर्मियों को फायदा होगा। यह पेंशन लाभ इन कर्मियों को आजीवन उपलब्ध होगा तथा मृत्यु के बाद किसी अन्य उत्तराधिकारी को नहीं दिया जाएगा।
सरकार ने यह भी साफ कर दिया है कि इस पेंशन के लिए कम से दस वर्ष का सेवाकाल पूरा करने वाले ही पात्र होंगे। साथ ही यह पेंशन केवल उन्हीं रिटायर्ड कर्मियों को दी जाएगी जो किसी अन्य स्रोत या रिटायरमेंट पेंशन का लाभ प्राप्त नहीं कर रहे हैं। यह फैसला एक जनवरी, 2019 सेवकाल से लागू होगा।