दिल्ली में बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए यूपी में सतर्कता बढ़ाई जा रही है। दिल्ली से आने वालों की नोएडा बार्डर पर रैंडम टेस्टिंग शुरू करने के बाद अब ट्रेनों से आने वाले यात्रियों की भी जांच स्टेशन पर होगी। जिन यात्रियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई उन्हें अस्पताल भेजा जाएगा। बिना जांच के किसी यात्री को स्टेशन के बाहर नहीं जाने दिया जाएगा। चंदौली के पीडीडीयू जक्शन (मुगलसराय) स्टेशन पर जांच के लिए 16 डाक्टरों की शिफ्टवार ड्यूटी लगा दी गई है।
चंदौली के जिलाधिकारी के आदेश के बाद सीएमओ ने इस बाबत निर्देश जारी कर दिया है। बुधवार की रात दस बजे से टीमों को स्टेशन पहुंचकर हर यात्री की जांच करने का निर्देश दिया गया है। सभी यात्रियों की रैपिड एंटीजेन किट से जांच होगी। रिपोर्ट निगेटिव आने पर ही यात्री को स्टेशन के बाहर जाने दिया जाएगा। डाक्टरों की मदद के लिए आरपीएफ और जीआरपी के अलावा लोकल पुलिस भी मौके पर रहेगी। यात्रियों से भी जांच में मदद की गुजारिश की गई है।
इससे पहले नोएडा प्रशासन ने दिल्ली से आने वाले लोगों की बॉर्डर पर रैंडम टेस्टिंग शुरू कर दी है। पांच एंट्री प्वाइंट और 11 मेट्रो स्टेशनों पर जांच चल रही है। यहां रैपिड एंटीजन टेस्ट किया जा रहा है, जिसकी रिपोर्ट 8-10 मिनट में दी जा रही है।
जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने मंगलवार की शाम को इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ आपात बैठक का आयोजन किया। इस बैठक में विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा करने के बाद दिल्ली बॉर्डर पर कोरोना जांच करने का निर्णय लिया गया है। जिलाधिकारी ने कहा कि दिल्ली से आने-जाने वाले लोगों को कोरोना से बचाव के लिए जागरूक करने के साथ ही उनकी आकस्मिक कोविड जांच भी की जाएगी और इसमें किसी भी व्यक्ति की जांच की जा सकती है।
आकस्मिक जांच करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को टीमों का गठन करने के निर्देश दिए गए हैं और यह जांच बुधवार से प्रारम्भ हो जायेंगी। इन जांच रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की रणनीति तय की जाएगी कि संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए क्या कड़े फैसले लिए जाने की आवश्यकता है और शासन से चर्चा के बाद कड़े फैसले लिए जायेंगे, हालांकि नोएडा-दिल्ली बॉर्डर को बंद करने की कोई योजना अभी नहीं है। इसके साथ ही जहां पर कोरोना संक्रमित व्यक्ति मिल रहे हैं, वहां पर कांट्रेक्ट ट्रेसिंग बढ़ाने और कोरोना संक्रमित व्यक्ति को उसकी हालत के अनुसार तत्काल संबंधित अस्पताल में इलाज सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए गये।