द्वारका मोड़ के पास विपिन गार्डन में रहने वाले शिवचरण प्रसाद डेसू के रिटायर्ड कर्मचारी हैं। पिछले महीने वह पेंशन से जुड़े किसी काम से राजघाट स्थित अपने ऑफिस गए थे। उनके पास लाल रंग का एक बैग था, जिसमें उनकी पेंशन पासबुक, पेंशन पे ऑर्डर, चेकबुक, वॉलेट और कुछ अन्य जरूरी सामान रखे हुए थे। मेट्रो से घर लौटते समय वह अपना बैग मेट्रो में ही भूल गए। मेट्रो स्टेशन से बाहर निकलकर उन्हें याद आया, तो वह पूछताछ करने स्टेशन पहुंचे, लेकिन बैग नहीं मिला। उन्होंने द्वारका मोड़ स्टेशन पर एक कंप्लेंट दर्ज कराई और घर आ गए। पूरा हफ्ता मायूसी में बीत गया। ऊपर से यह टेंशन कि अब सारे कागजात दोबारा से बनवाने पड़ेंगे और बार-बार घर से इतनी दूर दफ्तर के चक्कर काटने पड़ेंगे। नए कागजात बनने तक पेंशन अटकी रहने का भी डर था। तभी एक दिन उन्हें एक फोन आया और वह खुशी से उछल पड़े। वह फोन कश्मीरी गेट स्थित डीएमआरसी के लॉस्ट एंड फाउंड ऑफिस से आया था। वहां तैनात हेड कस्टमर रीप्रेजेंटेटिव दिनेश कुमार और हेड स्टेशन कंट्रोलर अनिल कुमार ने उन्हें बताया कि उनका बैग सुरक्षित वहां जमा है और वह आकर उसे ले जाएं।
शिवरचरण को पहले तो यकीन ही नहीं हुआ, लेकिन जब वह कश्मीरी गेट पहुंचे, तो लॉस्ट एंड फाउंड ऑफिस में उन्हें अपने वॉलेट में रखे 1960 रुपये, पेंशन की पासबुक और पे ऑर्डर समेत सारा सामान सुरक्षित मिल गया। शिवचरण ने बताया कि उन्हें पता ही नहीं था कि डीएमआरसी ने यात्रियों का खोया हुआ सामान उन्हें सुरक्षित लौटाने के लिए इतने बड़े स्तर पर और इतना व्यस्थित इंतजाम किया हुआ है। ऑफिस में रखे ढेर सारे सामान देखकर उनकी आंखें फटी की फटी रह गईं। पूछने पर पता चला कि वह सब दूसरे यात्रियों का खोया हुआ सामान था, जिसे डीएमआरसी ने संभालकर रखा हुआ था। हर सामान पर एक खास नंबर डालकर उसकी बार कोडिंग की गई थी और रजिस्टर में उसकी पूरी डीटेल दर्ज थी।
डीएमआरसी के अधिकारियों ने बताया कि आमतौर पर लोग खुद ही अपना सामान ढूंढते हुए यहां पहुंचते हैं, लेकिन जब लाल बैग वहां लाया गया और जांच के दौरान उन्होंने देखा कि उसमें किसी बुजुर्ग की पेंशन से जुड़े हुए कागजात रखे हुए हैं, तो उन्होंने खुद ही पहल करते हुए पासबुक की मदद से संबंधित बैंक से संपर्क किया और शिवचरण का फोन नंबर लेकर उन्हें बैग के बारे में जानकारी दी।
इस तरह काम करता है लॉस्ट एंड फाउंड सेक्शन
डीएमआरसी ने 2004 में खोया-पाया ऑफिस की स्थापना की थी। इसका एकमात्र सेंटर कश्मीरी गेट मेट्रो स्टेशन पर है। यहां एक बड़े से हॉल में यात्रियों का खोया हुआ सामान सुरक्षित रखा रहता है। यह ऑफिस सोमवार से शनिवार तक रोज सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक खुलता है। केवल सरकारी छुट्टी और रविवार के दिन बंद रहता है। जब टर्मिनल स्टेशन पर ट्रेन रुकती है, तो ट्रेन ऑपरेटर पूरी ट्रेन को चेक करता है। उसमें जो भी छूटा या गिरा हुआ सामान मिलता है, उसे टर्मिनल स्टेशन पर जमा करा दिया जाता है। इसके अलावा डीएमआरसी के हाउसकीपिंग, सिक्योरिटी और अन्य स्टाफ को भी अलग-अलग स्टेशनों पर खोया हुआ सामान मिलता रहता है, जिसे उसी स्टेशन पर जमा करा दिया जाता है। दो दिन तक यह सामान वहीं रहता है। उसके बाद एक तय प्रक्रिया के तहत उसे लॉस्ट एंड फाउंड ऑफिस में भेज दिया जाता है, जहां उसकी बाकायदा टैगिंग करके उसे एक महीने तक सुरक्षित रखा जाता है। इसके बाद भी कोई नहीं आया, तो फिर उस सामान को नीलामी के लिए स्टोर में भेज दिया जाता है। सरकारी दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, पेन कार्ड, वोटर आईडी आदि संबंधित विभाग या अथॉरिटी में जमा कराए जाते हैं।
90 प्रतिशत से ज्यादा सामान मिल जाता है
डीएमआरसी के अधिकारियों का दावा है कि करीब 90 प्रतिशत यात्रियों का खोया हुआ सामान मेट्रो स्टेशनों से ही वापस मिल जाता है। अगर किसी का कुछ सामान खो गया है, तो उसके बारे में पता करने का सबसे अच्छा तरीका यही है कि मेट्रो लाइन के टर्मिनल स्टेशन या जहां सामान खोया है, उस स्टेशन पर जाकर स्टेशन कंट्रोलर से संपर्क कर लें। बचा हुआ जो सामान लॉस्ट एंड फाउंड सेक्शन में आता है, उसके बारे में पता करने के लिए रोज 100 से ज्यादा कॉल्स यहां आती हैं। कई लोग भी अपना सामान ढूंढने यहां पहुंचते हैं। हर महीने तकरीबन 1000 चीजें यहां जमा होती हैं और उनमें से 10-12 प्रतिशत सामान लोग आकर ले जाते हैं। चूंकि, लोगों को इस सुविधा के बारे में ज्यादा जानकारी ही नहीं है। इसी वजह से कई लोगों का सामान यहां रखा होने के बावजूद वे उसे लेने नहीं आते हैं।
इस तरह आसानी से करें संपर्क
लॉस्ट एंड फाउंड ऑफिस कश्मीरी गेट मेट्रो स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर-3 के नीचे कोनकोर्स लेवल पर बना हुआ है। लोग यहां के हेल्पलाइन नंबर 8527405555 या 011-23417910 पर कॉल करके संपर्क कर सकते हैं। डीएमआरसी की वेबसाइट के लॉस्ट एंड फाउंड लिंक पर क्लिक करके भी पिछले एक साल में यहां जमा हुए सामान की पूरी लिस्ट देख सकते हैं।