लकवा ग्रस्त मरीजों को ठीक करेगा स्पाइनल एपिड्यूरल इलेक्ट्रिकल स्टिमुलेशन यन्त्र
नई दिल्ली में हुआ आविष्कार: आज के जमाने में बहुत सारे लोगों को विविध बीमारियां हो जाती है जिनकी वजह से वह अपनी जिंदगी लगभग हार बैठते हैं लेकिन बढ़ती टेक्नोलॉजी और साइंस की मदद से आजकल बड़ी से बड़ी बीमारियों को ठीक करने के लिए दवा है व मशीनें आ रही है। ऐसे में लाइलाज बीमारी लकवा को ठीक करने के लिए वैज्ञानिकों ने नया आविष्कार किया है जिसे शरीर में लगाने से विविध तरंगे लकवा ग्रस्त भाग को दोबारा एक्टिव करने में मदद करेगी । वैज्ञानिकों ने इस यंत्र का नाम स्पाइनल एपिड्यूरल इलेक्ट्रिकल स्टिमुलेशन रखा है साथ ही इसके नाम को रखने के पीछे खासतौर पर रीड की हड्डी को टारगेट किया था लेकिन यह परीक्षण के बाद लकवा ग्रस्त शरीर को भी ठीक करने की क्षमता रखता है जिसके लिए इसे लकवा ठीक करने वाला यंत्र कहा जा रहा है ।
मरीजों पर अच्छे परिणाम आए सामने
इस यंत्र को स्पाइनल कॉर्ड सोसाइटी और इंडियन स्पाइनल इंजरी सेंटर के 22वे में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में पेश किया गया। जहां सम्मेलन में वैज्ञानिकों ने इसके फायदे बताते हुए सबसे पहले इसे जानवरों पर लागू करके सफल साबित होने की बात कही । रिसर्च सेंटर और वैज्ञानिकों ने इस नए डिवाइस का परीक्षण सबसे पहले जानवरों पर किया था जिस के सफल होने के बाद इसे 5 मरीजों पर आजमाया गया। पांचों मरीज के शरीर में किसी ना किसी भाग को इस डिवाइस ने लकवे से ठीक कर दिया है।
कैसे काम करता है यह डिवाइस
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह डिवाइस एक तरह से आपके दिमाग की तरह काम करता है जहां यह शरीर के लकवा ग्रस्त भाग को विशेष निर्देश देते हुए ठीक करने की क्षमता रखता है। जैसे कि यदि कोई मरीज पांव की उंगलियों लकवे का शिकार है और यदि मरीज कंट्रोलर के माध्यम से इस डिवाइस को ऑन करते हुए संकेत देता है कि पांव की उंगलियां हिल जाए तो यह डिवाइस दिमाग की तरह कार्य करते हुए धमनियों को एक्टिव करके उंगलियों को हिलाने का कार्य करेगा।
शरीर के किस भाग में लगेगा और कब तक पहुंचेगा बाजारों में
यह डिवाइस शरीर के अंदर लगेगा जो विभिन्न धमनियों और कार्यरत कोशिकाओं से कनेक्ट होकर एक निश्चित पोजीशन में फिट किया जाएगा। साथ ही इसके मार्केट में लॉन्च होने की अभी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है लेकिन इसे नए साल के मौके पर मार्केट में कंपनी द्वारा पेश किया जा सकता है।