दिल्ली मेट्रो ब्लू लाइन और येलो लाइन को करेगी अब मॉनिटर
Delhi metro starting sensor based monitoring: दिल्ली मेट्रो के सबसे व्यस्त दो कारिडोर यलो (हुडा सिटी सेंटर समयपुर बादली) और ब्लू लाइन (द्वारका सेक्टर 21 से नोएडा इलेक्ट्रानिक सिटी / वैशाली) के ट्रैक पर तकनीकी खराबी की बार-बार आने वाली समस्या को दूर करने के लिए दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने आनलाइन निगरानी की योजना बनाई है.
सारे कोच में लगाए जनेगे सेन्सर
इसके तहत इन कारिडोर के मेट्रो कोच पर सेंसर लगाए जाएंगे। इससे अधिकारी कंट्रोल रूम से ही रिमोट के जरिये मेट्रो ट्रैक और दोनों पहियों के बीच के हिस्से ( रेल व्हील इंटरफेस) की आनलाइन निगरानी कर सकेंगे। इससे मेट्रो ट्रैक पर लगे उपकरणों के खराब होने पर अधिकारियों को तत्काल पता चल जाएगा। दिल्ली-एनसीआर में मेट्रो का नेटवर्क करीब 390 किलोमीटर है। डीएमआरसी का कहना है कि फिलहाल मेट्रो ट्रैक की निगरानी हर पखवाड़े मैनुअल तरीके से होती हैऐसे में कई बार खामियां पकड़ में नहीं आती हैं।
सारे लाइन पर जल्द दिखने लगेगा सेन्सर वाले कोच
ऐसे में आनलाइन निगरानी की तकनीक सफल होने पर डीएमआरसी चरणबद्ध तरीके से इसे दिल्ली मेट्रो के सभी कारिडोर पर लागू करेगा। 30 प्रतिशत यात्री यलो लाइन पर करते सफर 49.02 किमी लंबी यलो लाइन दिल्ली मेट्रो का सबसे व्यस्त कारिडोर है. मेट्रो में सफर करने वाले करीब 30 प्रतिशत यात्री इसी में सफर करते हैं। इस कारिडोर पर कुल 37 स्टेशन हैं।
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ब्लू लाइन के बारे में जानिए
इसके बाद ब्लू लाइन दूसरा सबसे व्यस्त कारिडार है, जिस पर 20 प्रतिशत यात्री सफर करते हैं. ब्लू लाइन के द्वारका सेक्टर 21 नोएडा इलेक्ट्रानिक सिटी कारिडोर की लंबाई 56.11 किमी है, इस पर 50 मेट्रो स्टेशन हैं। यमुना बैंक से वैशाली के बीच ब्लू लाइन की लंबाई 8.51 किमी है। इस हिस्से पर आठ स्टेशन हैं. इन दोनों कारिडोर पर ही तकनीकी खराबी की घटनाएं ज्यादा होती है।