सीएनजी के दामों में हुई भारी वढ़ोतरी की वजह से ऑटो ड्राइवर पिछले कई महीनों से भारी नुकसान झेल रहे हैं। इसकी भरपाई के लिए सवारियों से मनमाना किराया वसूला जा रहा है, जिसके चलते यात्री वेहद परेशान हैं। इस समस्या के समाधान के लिए दिल्ली सरकार ने वीच का एक रास्ता ढूंढ तो लिया है, लेकिन सरकारी विभागों की लेटलतीफी और लाल फीताशाही के चलते मामला लटक गया है। जिसका खामियाजा दिल्ली की आम जनता को भुगतना पड़ रहा है।

 

 

कैबिनेट लाने वला हैं नया प्रस्ताव

दिल्ली सरकार के सूत्रों से पता है कि ऑटो के किराए में बदलाव करने के निर्णय से जुड़ी फाइल पिछले दो महीने से फाइनैंस विभाग में अटकी पड़ी है। कई वार रिमाइंडर भेजने के बाद भी विभाग के अधिकारियों ने अपने कमेंट्स के साथ फाइल वापस परिवहन विभाग को नहीं भेजी है। सूत्रों ने बताया कि फाइल पर कानून और योजना विभाग की तरफ से कमेंट्स मिल चुके हैं, लेकिन वित्त विभाग ने मामले को लटका रखा है। उसी के चलते अभी तक इस फैसले को सरकार से अंतिम मंजूरी दिलवाने के लिए कैविनेट नोट भी तैयार नहीं हो पाया है, जबकि उम्मीद थी कि जुलाई में ही किराया रिवाइज हो जाएगा और ऑटो ड्राइवरों को थोड़ी राहत मिल जाएगी।

 

यात्रियों को भी मनमाना किराया नहीं देना पड़ेगा, लेकिन कार्रवाई आगे बढ़ ही नहीं पा रही है। परिवहन मंत्री भी जल्द कार्रवाई करने के लिए कई वार कह चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद वित्त विभाग के अधिकारी फाइल पर कुंडली मारे वैठे हुए हैं। इस वजह से परिवहन विभाग के अधिकारी भी खासे परेशान हैं।

 

दिल्ली में मीटर बंद और वसूली चालू

इस साल जनवरी से जून के वीच सीएनजी के रेट में कई वार वढ़ोतरी होने के वाद से ऑटो ड्राइवरों ने मीटर से चलना लगभग बंद कर दिया है। वे या तो मनमाना किराया मांगते हैं या यह शर्त भी रखते हैं कि मीटर में जितना किराया वनेगा, उस पर 10 20 रुपये एक्स्ट्रा देने पड़ेंगे। ऑटो ड्राइवरों का कहना है जनवरी में जो सीएनजी 52.04 रुपये प्रति किलो के रेट पर मिलती थी, उसके दाम अव वढ़कर 75.61 रुपये प्रति किलो हो गए हैं, जबकि ऑटो का किराया जस का तस है। इस वजह से अव मीटर से नहीं चल सकते । ऑटो ड्राइवरों को हो रहे नुकसान की भरपाई करने और लोगों को उनकी मनमानी से निजात दिलाने का रास्ता तलाशने के लिए दिल्ली सरकार ने परिवहन विभाग के अंतर्गत का एक एक्सपर्ट कमिटी का गठन किया था। जून में इस कमिटी ने अपनी रिपोर्ट सवमिट करते हुए ऑटो के किराए में मामूली बढ़ोतरी करने की सिफारिश की थी। दिल्ली सरकार ने भी कमिटी के प्रस्ताव को सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दे दी थी ।

 

नया किराया ऑटो का लागू होगा जल्द

कमिटी का सुझाव था कि ऑटो का मीटर 25 रुपये के वजाय 30 रुपये से डाउन हो और उसके वाद किराया 9.50 रुपये प्रति किमी से बढ़ाकर 11 रुपए प्रति किमी किया जाए। इसी तरह काली-पीली टैक्सी के किराए को भी रिवाइज करने का सुझाव दिया गया था, लेकिन इन सुझावों को अभी तक अमल में नहीं लाया जा सकता है। हालांकि, ऑटो टैक्सी यूनियंस शुरू से ही किराए में बढ़ोतरी के खिलाफ हैं।

 

35 रुपए का सब्सिडी नही तो जनता से वसूला रहे ज़्यादा पैसा.

उनका मानना है कि अगर किराया बढ़ गया, तो सवारियां मिलनी और कम हो जाएंगी। उनकी मांग है कि सरकार उन्हें सीएनजी पर सब्सिडी देकर 35 रुपये किलो के रेट पर सस्ती गैस मुहैया कराए, लेकिन दिल्ली सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि वह सब्सिडी नहीं दे सकती । ऐसे में दिल्ली की जनता ऑटो चालकों की मनमानी झेलने को मजबूर है।


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