दिल्ली स्थित पुरानी विधानसभा में ब्रिटिश काल का फां””सी घर बना हुआ है। ये फांसी घर अंग्रेजों के जमाने का बनाया हुआ है। इस फां”” सी घर को देखने के लिए लोग काफी उत्सुक भी है। लोक निर्माण विभाग ने बीते साल सितंबर माह में इसके रिनोवेशन का काम शुरू किया था, उसे पूरा कर लिया गया है।
अधिकारियों ने तय किया है कि इसे आम लोगों को भी दिखाया जाए। मगर अभी तक इसे दिखाने को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई थी। अब ये स्पष्ट कर दी गई है।
दिल्ली विधानसभा का निर्माण 1911 में किया गया था और देश की राजधानी को कोलकाता से दिल्ली स्थानांतरित करने के बाद इसे केंद्रीय विधान सभा के रूप में इस्तेमाल किया गया था। महामारी के दौरान समाज के प्रति अपने सर्वोच्च बलिदान और उल्लेखनीय कार्यों के लिए डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ, सफाई कर्मचारियों और शिक्षकों सहित कोविड योद्धाओं को सम्मानित करने के लिए कोरोना युद्ध स्मारक बनाया गया है।
पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली विधानसभा का सत्र नहीं होने पर लोगों को इन दोनों स्थानों पर जाने की अनुमति दी जाएगी। ‘फां”। सी घर’ का इस्तेमाल स्वतंत्रता सेनानियों को फांसी देने के लिए किया जाता था। अधिकारियों ने बताया कि स्वतंत्रता दिवस से पहले ‘फांसी घर’ और कोरोना योद्धा स्मारक खोलने का लक्ष्य सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है।
लोग अब नवनिर्मित ब्रिटिश काल के “फां”” सी घर” (Hanging House) को देख सकेंगे। दिल्ली विधानसभा परिसर का उद्घाटन मंगलवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने किया। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान परिसर में बनाए गए एक ‘कोरोना वारियर्स मेमोरियल’ का भी अनावरण किया।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल और उपमुख्यमंत्री राखी बिड़ला भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने बताया कि ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण दिल्ली विधानसभा में ‘फांसी घर’ के अलावा मुख्य भवन के सेंट्रल हॉल के नीचे एक सुरंग भी है। अधिकारियों ने कहा कि यह अनुमान लगाया गया है कि सुरंग विधान सभा और लाल किले को जोड़ती है। शुरूआत के दिनो में में इसे मुफ़्त या मामूली 20 रुपए तक के शुल्क पर लोगों को प्रवेश दिया जाएगा.