देश की राजधानी नई दिल्ली में वाहन चोरों का कारनामा इतना बढ़ गया है कि लोगों को अपनी गाड़ियां बाहर रखना मुहाल हो गया है. दिल्ली पुलिस के आंकड़ों की बात करें तो 15 जिलों में रोज लगभग 100 वाहनों से ज्यादा की चोरी दिल्ली में हो रही है इसमें मोटरसाइकिल और कार दोनों शामिल हैं.
दिल्ली में वाहन चोरी की संख्या
केवल वर्ष 2022 में जुलाई के महीने तक ही 20,000 से ज्यादा वाहन चोरी होने के मामले दर्ज हो चुके हैं. पुलिस पर आरोप है कि वह वाहन चोरी मामलों में उसने सजगता से कार्य नहीं करते हैं और वाहनों की खोजने की कोशिश नहीं होती है जिसके वजह से या चोरी और बढ़ते जा रही है.
2013 से पहले
वाहन चोरी होने पर अगर कोई व्यक्ति पुलिस कंट्रोल रूम को फोन करता था तब एसीपी और थानाध्यक्ष मौके पर पहुंचते थे और संबंधित थाने में केस दर्ज कर दिया जाता था साथ ही साथ थाने में चोरों को पकड़ने और चोरी के वाहन को बरामद करने की जिम्मेदारी होती थी जिसके वजह से अधिकांश थाने अपने मामले कम करने के लिए बरामदगी कर लेते थे.
2013 के बाद
ऑनलाइन f.i.r. की सुविधा शुरू की गई जिसके बाद थाने में वाहन चोरी की प्राथमिकी दर्ज होनी बंद हो गई और फलस्वरूप हालात बद से बदतर होते चले गए अब अगर वाहन चोरी की ऐसी घटनाएं होती हैं और अगर पीड़ित कंट्रोल रूम में फोन करता है तो खानापूर्ति के तौर पर मौके पर अफसर पहुंचते हैं और केवल ऑनलाइन एफ आई आर दर्ज करवाकर लौट जाते हैं उसके बाद केस में ना ही कोई ज्यादा जांच पड़ताल की जाती है जिसके फलस्वरूप चोरी किए हुए वाहन के बरामदगी की प्रतिशत मात्र 2% है.
दिल्ली में ज़रूर लगाए ALARM
अगर आप भी दिल्ली में अपनी गाड़ी रखते हैं तो सावधानीपूर्वक जितने प्रकार के LOCK हैं सबको जरूर लगाएं और साथ ही साथ ऑफ बजर अलार्म भी जरूर लगाएं ताकि गाड़ी के बंद हो जाने के बाद गाड़ी में किसी प्रकार की हरकत हो तो गाड़ी जोर-जोर से आवाज करें.