सरसों के भाव उत्पादन के वजह से घटे हैं लेकिन सरसों तेल के भाव अगर आपको लग रहा है कि केवल जनता को राहत देने के लिए घटाया जा रहा है तो शायद आप गलत सोच रहे हैं. सरसों तेल का भाव किस लिए घट रहा है क्योंकि जनता की खरीदने की कैपेसिटी घट रही है जिसके वजह से मार्केट में बिक्री पहले के मुकाबले कम हो गई है और इस बिक्री को बढ़ाने के लिए मूल्यों में गिरावट की जाती हैं ताकि बड़ी कंपनियां अपनी स्टॉक निकाल सके.
आइए जानते हैं सरसों तेल के भाव और नए ठोक मंडी रेट.
अभी फिलहाल इनकी कीमतें कुछ इस प्रकार हैं:
- सरसों तेल दादरी- 15,000 रुपये प्रति क्विंटल।
- सरसों पक्की घानी- 2,360-2,440 रुपये प्रति टिन।
- सरसों तिलहन – 7,490-7,540 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल।
- मूंगफली – 6,710 – 6,845 रुपये प्रति क्विंटल।
- सरसों कच्ची घानी- 2,400 से लेकर 2,510 रुपये प्रति टिन।
- तिल तेल मिल डिलिवरी – 17,000 से लेकर 18,500 रुपये प्रति क्विंटल।
- मक्का खल (सरिस्का) 4,000 रुपये प्रति क्विंटल।
- सोयाबीन दाना – 7,000 से लेकर 7,100 रुपये प्रति क्विंटल।
- सोयाबीन लूज 6,700 से लेकर 6,800 रुपये प्रति क्विंटल।
कितना सस्ता होगा तेल
पीटीआई के अनुसार, सरसों तेल का थोक दाम दिल्ली में लगभग 134 रुपये प्रति लीटर बैठता है. MRP में इससे पहले की गई 10 रुपये की कटौती के बाद सरसों तेल का रेट 194 रुपये लीटर हो गया था. अगर सरकार के कहने के बाद तेल बनाने वाली कंपनियां MRP में 15 रुपये की कटौती करती हैं, तो एक लीटर सरसों तेल का दाम 178-180 रुपये के बीच हो जाएगा.
जल्द हो सकता है कटौती का ऐलान
भारत दुनिया में सबसे ज्यादा पाम ऑयल इंपोर्ट (Palm Oil Import) करने वाला देश है. सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) के कार्यकारी निदेशक बीवी मेहता ने बताया कि पिछले महीने खाने वाले तेल के दाम 300-450 डॉलर प्रति टन तक घटी हैं. इस वजह से उम्मीद जताई जा रही हैं कि कंपनियां तेल की कीमतों जल्द ही कटौती का ऐलान कर सकती हैं.