पीडब्ल्यूडी ने बारापुला फेज-3 एलिवेटेड कारिडोर का यमुना और यमुना के किनारे चल रहा काम बंद कर दिया है। यह निर्णय मानसून के दौरान जलस्तर बढ़ने की आशंका के चलते लिया गया है। अक्टूबर की शुरुआत में अब फिर से इस क्षेत्र में काम शुरू होगा। तब तक नांगली रजापुर के किसानों की 30242.55 वर्ग मीटर भूमि भी विभाग को मिल जाने की उम्मीद है। यह जमीन न मिलने के चलते 2015 से मयूर विहार की तरफ यमुना खादर में इस हिस्से में परियोजना का काम ठप है।
इस परियोजना के तहत यमुना में और यमुना के किनारों पर काम करना पीडब्ल्यूडी के लिए कठिन हो रहा है। यहां हर साल करीब तीन माह काम बंद रहता है। तीन साल पहले पीडब्ल्यूडी को उस समय बड़ा झटका लगा था जब इस परियोजना के तहत यमुना की धारा के बीच बन रहे पिलर की नींव बाढ़ के दौरान टेढ़ी हो गई थी। उस हिस्से को काटकर करीब 20 मीटर गहराई से निकाला गया था।
पीडब्ल्यूडी ने काम में तेजी दिखाते हुए इस काम को पूरा कर लिया था। यमुना के बीच बने पिलर को अब मयूर विहार और सराय काले खां वाले पिलर पर ट्रैक बनाकर जोड़ा जाना है। विभाग ने इस कार्य को अब बंद कर दिया है और यमुना के बीच से निर्माण कार्य से जुड़ी मशीनें और सामग्री वहां से हटा ली हैं।
हालांकि, परियोजना के तहत उस भाग में काम जारी रखने के निर्देश हैं, जहां तक बाढ़ का पानी नहीं पहुंचता है। बारापुला के तीसरे फेज में सराय काले खां से मयूर विहार तक एलिवेटेड कारिडोर का निर्माण किया जा रहा है। इसकी लंबाई साढ़े तीन किलोमीटर है। आठ लेन के कारिडोर की चौड़ाई 35 मीटर है। इसके तैयार होने पर मयूर विहार से एम्स तक साढ़े नौ किलोमीटर रोड सिग्नल फ्री हो जाएगी।