राजधानी में कूड़े के ऊंचे पहाड़ों के साथ ही संपत्तिकर समय पर जमा नहीं होने की समस्या से निपटने के लिए नगर निगम नई योजना शुरू करने जा रहा है। सोसायटी में सफाई रखने के साथ ही संपत्तिकर जमा कराने में मददगार बनने वाले रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) या ग्रुप हाउसिंग सोसायटी को निगम अब जमा हुए संपत्तिकर का पांच से 15 प्रतिशत तक प्रोत्साहन राशि के रूप में वापस करेगा। यह राशि आरडब्ल्यूए अपनी सोसायटी के विकास कार्यो पर खर्च कर सकेगी, यानी अब जो सोसायटी निगम की मदद करेंगी, वह विकास कार्यो से चमक उठेंगी।
10 लाख से ज्यादा कर दाता देते हैं दो हजार करोड़ रुपये का राजस्व
निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक दिल्ली में 10.50 लाख संपत्तिकर दाताओं से करीब दो हजार करोड़ रुपये का राजस्व आता है। निगम उत्तरी क्षेत्र में 12 और पूर्वी क्षेत्र में आठ लाख संपत्तियों का यूपिक कार्ड जारी कर चुका है।
एक निगम एक संपत्तिकर की दर योजना होगी लागू
निगमों के एकीकरण के बाद अब दिल्ली में ‘एक निगम, एक संपत्तिकर की दर’ योजना 16 जुलाई से शुरू होने की उम्मीद है। इसके पीछे निगम का मकसद दिल्ली में विकास की गति को रफ्तार देने के साथ ही निगम का खजाना भरना है, लेकिन दिल्लीवालों के सहयोग के बिना यह संभव नहीं है। ऐसे में निगम ने जनभागीदारी के जरिये साफ-सफाई के साथ ही राजस्व संग्रह को बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसके लिए रिहायशी कालोनियों और ग्रुप हाउसिंग सोसायटियों के समूह को पांच से 15 प्रतिशत तक की छूट देने की योजना है। इस योजना का लाभ पाने के लिए रिहायशी कालोनियों के 90 प्रतिशत निवासियों को संपत्तिकर समय पर जमा करना होगा और गीले-सूखे कूड़े का शत- प्रतिशत निस्तारण स्वयं करना होगा।
दिल्ली में लगेगा एक प्रतिशत शिक्षा उपकर
पूर्व में दक्षिणी निगम में राजस्व बढ़ोतरी के लिए निगम ने एक प्रतिशत शिक्षा उपकर लगाया था। निगम के एकीकरण के बाद अब इसे पूरी दिल्ली में लागू किया जा रहा है। 16 जुलाई से संपत्तिकर जमा करने में दिल्ली के सभी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को एक प्रतिशत शिक्षा उपकर देना होगा। इससे निगम को करीब 150 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष अतिरिक्त आय होने का अनुमान है।
प्रोत्साहन राशि पाने के लिए ये करना होगा
- रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन या ग्रुप हाउसिंग सोसायटी के पदाधिकारी सोसायटी के कुल संपत्ति मालिकों में से 90 प्रतिशत का संपत्तिकर जमा करना होगा।
- प्रतिदिन उत्पन्न होने वाले गीले व सूखे कूड़े को अलग-अलग रखवाने की व्यवस्था करनी होगी
- गीले कूड़े का सौ प्रतिशत निस्तारण खाद बनाने के लिए करना होगा
- रिसाइकिल होने योग्य वस्तुओं को रिसाइकिल यूनिट तक पहुंचवाना सुनिश्चित करना होगा
- सूखा कूड़ा बचेगा उसे नगर निगम या अधिकृत एजेंसी को देना होगा।
- लैंडफिल साइट को खत्म करने में मिलेगी मदद