रिंग रोड पर सराय काले खां में ट्रैफिक जाम खत्म करने के लिए 545 मीटर लंबा तीन लेन का फ्लाईओवर एक साल में बनकर तैयार हो जाएगा और 3 लेन अभी चालू है । कुल 6 लेन का हो जाएगा यह फ़्लाइओवर. लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने फ्लाईओवर के निर्माण के लिए टेंडर आवंटित कर दिया है और अगले 3-4 दिनों में जमीन पर काम शुरू हो जाएगा।
फ्लाईओवर के नीचे और आसपास हरियाली बढ़ाने पर भी जोर रहेगा। इसके बन जाने से आईटीओ रिंग रोड से आश्रम जाने वालों को सराय काले खां के जाम में नहीं फंसना पड़ेगा। इससे नोएडा, गाजियाबाद और आईटीओ रिंग रोड से आश्रम फ्लाईओवर की ओर जाने वालों को बेहतर रूट उपलब्ध हो जाएगा। वहीं, सर्विस रोड को चौड़ा किया जाएगा और फुटपाथ व ड्रेनेज सिस्टम में भी सुधार होगा। फ्लाईओवर में दो रैंप होंगे, जिसमें ऊपर जाने वाला रैंप लगभग 90 मीटर लंबा और डाउन रैंप 95 मीटर लंबा होगा।
- योजना के तहत सराय काले खां बस अड्डे के सामने पहले से तीन लेन का सिंगल फ्लाईओवर बना है।
- अभी इस फ्लाईओवर से आश्रम की ओर से आकर वाहन चालक आईटीओ या यमुनापर की ओर जाते हैं।
- इसी के साथ अब एक और सिंगल तीन लेन फ्लाईओवर बनेगा।
- बनने वाले इस तीन लेन के फ्लाईओवर से लोग आईटीओ और यमुनापार की ओर से आकर आश्रम की ओर आसानी से जा सकेंगे।
इससे उन्हें सराय काले खां पर जाम में नहीं फंसना पड़ेगा। फ्लाईओवर निर्माण पर 57.70 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। हालांकि कुछ साल पहले पीडब्ल्यूडी ने आईटीओ और यमुनापार की ओर से आकर आश्रम की ओर जाने के लिए सराय काले खां के सामने जाम वाले स्थान पर यमुना खादर की तरफ एक अतिरिक्त सडक़ बना दी है। डीडीए से जमीन लेकर बनाई गई इस सडक़ सेे लोगों को जाम से कुछ राहत मिली है। मगर इसे स्थायी समाधान नहीं माना जा रहा है। सराय काले खां पर जाम की समस्या दूर करने की कोशिशों की बात करें तो 14 साल पहले भी इस प्वाइंट पर फ्लाईओवर बनाने की योजना बनी थी। मगर बाद में इस योजना को निरस्त कर दिया गया था।
बता दें कि सराय काले खां में रेलवे स्टेशन पहले से ही बना है।
मगर जब से यहां से दक्षिण भारत के लिए ट्रेनें शुरू हुई हैं, यहां यातायात का दबाव बढ़ गया है। यहां अंतररा’यीय बस अड्डा है, मेट्रो स्टेशन है और अब रैपिड रेल का भी स्टेशन बन रहा है। बस अड्डा, मेट्रो स्टेशन और रैपिड रेल का स्टेशन इंटर कनेक्टेड होगा। जिससे यहां भीड़ बढ़ेगी और आज जितना जाम लगता है, उससे कहीं अधिक जाम लगेगा। इसे देखते हुए फलाईओवर बनाने की कवायद की जा रही है।