बुंदेलखंड के विकास के लिए, विशेष रूप से चित्रकूट, बांदा, हमीरपुर और जालौन जैसे कम विकसित जिलों में, राज्य सरकार ने बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के निर्माण का संकल्प लिया था. यह एक्सप्रेसवे बुंदेलखंड क्षेत्र को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे और यमुना एक्सप्रेस-वे के माध्यम से जोड़ेगा और साथ ही, बुंदेलखंड क्षेत्र के विकास में अहम भूमिका निभाएगा.बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे चित्रकूट में झांसी-प्रयागराज राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-35 में भरतकूप के पास से शुरू होकर आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर जिला इटावा में कुदरैल गांव के पास खत्म होगा. इस एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 296 किम होगी. बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया और इटावा जिले से होकर गुजरेगा.
28 महीनों में ही बनकर तैयार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले हफ्ते 12 जुलाई को आगरा-बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन करने वाले हैं. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश को पांचवां एक्सप्रेस-वे मिल जाएगा, जो कि बुंदेलखंड के दूरस्थ इलाकों को जोड़ने का काम करेगा. पीएम मोदी ने 29 फरवरी 2020 को इस एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास किया था. 296 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेस-वे महज 28 महीनों में ही बनकर तैयार हो गया, जबकि इसके लिए 36 महीनों का लक्ष्य तय किया गया था. कोरोना काल के दौरान लगी पाबंदियों के बावजूद यह प्रोजेक्ट तय समय से पहले ही पूरा हो गया.
इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण में योगी आदित्यनाथ सरकार ने करीब 1,132 करोड़ रुपये की बचत भी की है, जो कि कुल अनुमानित लागत का 12.72% है. अभी चार लेन में बने बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे को आगे चलकर छह लेन तक बढ़ाने की योजना है. यह एक्सप्रेस-वे राज्य के सात जिलों को जोड़ता है, जिसमें 13 इंटरचेंज प्वाइंट होंगे.
यह रूट हैं पुरा.
इस नए एक्सप्रेस-वे की एक और खासियत यह भी है कि यह आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे से इटावा के पास जुड़ेगा, जिससे दिल्ली-एनसीआर के साथ लखनऊवालों को भी बुंदेलखंड तक सीधा रूट मिल जाएगा.
बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे राज्य में बनने वाले डिफेंस कॉरिडोर की सफलता के लिए भी बेहद अहम है. बांदा और जालौन जिले में इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए काम भी शुरू हो चुका है. वहीं दूसरी ओर चित्रकूट में यह एक्सप्रेस राष्ट्रीय राजमार्ग 35 पर खत्म हो रहा है, जो झांसी को प्रयागराज से जोड़ता है.
दिल्ली NCR के INDUSTRIAL EXPRESSWAY
यूपी एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के सीईओ अश्विनी कुमार अवस्थी कहते हैं, ‘यह नया एक्सप्रेस-वे सामाजिक और आर्थिक विकास के अलावा कृषि, पर्यटन और उद्योग के क्षेत्र में आय बढ़ाने के साथ-साथ बुंदेलखंड क्षेत्र के सर्वांगीण विकास में मदद करेगा. यह दिल्ली-एनसीआर के लिए इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के रूप में भी काम करेगा.’