देश की राजधानी दिल्ली में मानसून की बरसात के साथ ही परेशानी भी पैदा होनी शुरू हो गई है। पिछले कुछ दिनों से रुक-रुक कर हो रही बरसात के चलते सड़कों के क्षतिगस्त होने के मामले सामने आ रहे थे।
इस बीच रोहिणी के केएन काटजू मार्ग पर दोनों ओर की सड़क धंसने की जानकारी सामने आई है। इसके बाद दिल्ली यायातात पुलिस ने दोनों ओर से वाहनों आवागमन रोक दिया है। वहीं, सूचना पर दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं।
इस बीच बताया जा रहा है कि दिल्ली जल बोर्ड की पाइपलाइन में रिसाव के चलते सड़क धंसी है। क्या यह रिसाव बरसात की वजह से हुआ है? इस पर मंथन चल रहा है।
मानसून की पहली वर्षा में ही जलभराव
उधर, राजधानी दिल्ली में 30 जून को मानसून की पहली वर्षा ने ही सिविक एंजेसियों की पोल खोल दी थी, पिछले वर्ष की भांति इस बार राजधानी दिल्ली के कई इलाकों में जलभराव देखने को मिला। इस साल जलभराव उन स्थानों पर एक बार फिर हुआ, जहां पहले भी होता रहा है, लेकिन एजेंसियों ने कोई सबक नहीं लिया।
लुटियंस दिल्ली से लेकर पूर्वी दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली, बाहारी दिल्ली और पश्चिमी दिल्ली में रिहायशी इलाकों से लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग और रिंग रोड तक में जलभराव का सामना करना पड़ा। पूर्वी दिल्ली में तो राष्ट्रीय राजमार्ग-नौ पर जलभराव के चलते बस आधी डूब गई।
शिकायतों का किया गया समाधान
निकायों को 35 स्थानों पर जलभराव की शिकायत मिली है। 25 शिकायतें दिल्ली नगर निगम को मिली, जिनका समाधान डेढ़ घंटे के अंदर करने का दावा किया गया। एनडीएमसी इलाके में कनाट प्लेस के इनर सर्किल के पी ब्लाक, शिवाजी स्टेडियम समेत 10 शिकायतें मिली हैं, जिनका समाधान आधे घंटे के अंदर कर दिया गया। आइटीओ, तिलक ब्रिज, विकास मार्ग, किशनगंज अंडरपास में जलभराव की समस्या ज्यादा देखने को मिली।
मिंटो ब्रिज और डब्ल्यूएचओ के सामने नहीं भरा पानी
पिछले वर्ष को देखते हुए मिंटो ब्रिज से लेकर रिंग रोड तक डब्ल्यूएचओ के सामने प्रशासन की मेहनत सफल हुई। इस वर्ष यहां जलभराव नहीं हुआ। मिंटो ब्रिज पर लगे कैमरे और जलभराव की स्थिति से निपटने के लिए टीम तैनात थी। यातायात सुचारु रूप से चलता रहा। डब्ल्यूएचओ के सामने प्रशासन ने सड़क ऊंची की है और पास में ही संपवेल बनाया गया है। इसलिए तेज वर्षा के बाद भी जलभराव नहीं हुआ।