देश में अलग-अलग शहरों के बीच चार सौ वंदे भारत ट्रेनें चलाने का प्रस्ताव है। इस बार के बजट में इसकी घोषणा की गई थी। अब इसे मूर्त रूप देने की तैयारी है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार सितंबर से प्रत्येक माह चार वंदे भारत ट्रेन की शुरुआत होगी। दिल्ली से भी कई शहरों के बीच यह ट्रेन चलेगी।
सीट व बनावट में हो रहा बदलाव
यात्रियों की सुविधा के अनुसार इसकी सीट व बनावट में बदलाव किया जा रहा है। नई दिल्ली से वाराणसी के बीच चलने वाली देश की पहली वंदे भारत ट्रेन का उद्घाटन 15 फरवरी, 2019 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था। उसी वर्ष तीन अक्टूबर को गृह मंत्री अमित शाह ने कटड़ा वंदे भारत एक्सप्रेस का उद्घाटन किया।
अमृत महोत्सव पर हुई थी चलाने की घोषणा
प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के अवसर पर 75 वंदे भारत चलाने की घोषणा की थी। वहीं, बजट में इनकी संख्या बढ़ाकर चार सौ कर दी गई है। रेल मंत्री ने पिछले दिनों दिल्ली से खजुराहो के बीच वंदे भारत ट्रेन चलाने की घोषणा की है। इसके साथ ही दिल्ली से चंडीगढ़, अमृतसर, जयपुर, इंदौर, लखनऊ व अन्य शहरों के बीच यह ट्रेन चलाने प्रस्ताव है। अगले कुछ माह में यहां से तीन से चार ट्रेनों का परिचालन शुरू हो जाएगा। इस समय यहां से अलग-अलग शहरों के लिए गतिमान सहित 11 शताब्दी ट्रेनें चलती हैं। अधिकारियों का कनहा है कि वंदे भारत, गतिमान, शताब्दी, तेजस व राजधानी एक्सप्रेस का संचालन होने से यहां तेज गति वाली ट्रेनों के रखरखाव की व्यवस्था पहले से है। दिल्ली से अलग-अलग रेलखंड पर ट्रैक की गति क्षमता भी बढ़ाई गई है। इससे यहां से नई वंदे भारत ट्रेनों के संचालन में आसानी होगी।
सीट होगी ज्यादा सुविधाजनक
नई वंदे भारत ट्रेन पहले की तुलना में ज्यादा हल्की और कम ऊर्जा खर्च करने वाली होगी। यात्रियों की सुविधा के अनुसार ट्रेन सीट में बदलाव किया जाएगा। इसकी सीट घुमावदार होगी। अभी यह सुविधा नहीं होने से यात्रियों को असुविधा होती है। दो सौ वंदे भारत ट्रेनों में राजधानी व अन्य ट्रेनों की तरह स्लीपर की व्यवस्था होगी। इसके लिए लगभग 24 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे।
लगातार बैठकर यात्रा करने में होती है परेशानी
फोर्टिस एस्कार्ट हार्ट इंस्टीट्यूट आर्थोपैडिक्स के ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी के निदेशक डा. कौशल कांत मिश्रा का कहना है कि स्वस्थ व्यक्ति यदि माह में एक-दो बार 12-13 घंटे बैठकर यात्रा करता है तो उसके स्वास्थ्य पर असर नहीं पड़ता है, लेकिन प्रतिदिन या सप्ताह में तीन-चार दिन इस तरह से यात्रा करने पर कमर, पीठ व घुटनों में दर्द की समस्या हो सकती है। यदि किसी को स्वास्थ्य संबंधी परेशानी है तो उसे डाक्टर की सलाह से ही यात्रा करनी चाहिए।
180 किलोमीटर है अधिकतम गति
इस ट्रेन की अधिकतम गति 180 किलोमीटर प्रति घंटे है। इससे कम समय में यात्री अपने गंतव्य पर पहुंच सकता है। राजधानी एक्सप्रेस को नई दिल्ली से जम्मू पहुंचने में साढ़े आठ घंटे का समय लगता है। वंदे भारत मात्र 6.40 घंटे में पहुंच जाती है।