दिल्ली सरकार दिल्ली के शहरी इलाकों में स्मार्ट अर्बन फार्मिंग को बढ़ावा देगी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में दिल्ली सचिवालय में आयोजित हुई कैबिनेट की बैठक में बुधवार को स्मार्ट अर्बन फार्मिंग पहल को मंजूरी मिल गई। इससे शहरी इलाकों में रहने वाले लोगों का खेती के प्रति जुड़ाव भी बढ़ेगा और रोजगार में वृद्धि के साथ दिल्ली के हरित क्षेत्र को भी बढ़ावा मिलेगा।
जनभागीदारी से बढ़ेगी स्मार्ट अर्बन फार्मिंग
सरकार स्मार्ट अर्बन फार्मिंग पहल को जन भागीदारी से बढ़ावा देगी। कैबिनेट की बैठक के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने प्रेसवार्ता कर बताया कि अपने घर की खपत या बिजनेस करने के उद्देश्य से जो लोग घर की छत या बालकनी में फल-सब्जियां उगाना चाहते हैं, उनको दिल्ली सरकार प्रशिक्षण देगी।
रोजगार उत्पन्न करने का बनेगा साधन
स्मार्ट अर्बन फार्मिंग पहल एक तरह से रोजगार उत्पन्न करने का भी एक साधन होगा। लोगों को प्रशिक्षण देने के लिए बड़ी संख्या में विशेषज्ञ हायर किए जाएंगे और इंडियन एग्रीकल्चरल रिसर्च इंस्टीट्यूट से टाई-अप किया जाएगा।
400 कार्यशाला में 10 हजार लोगों को मिलेगा प्रशिक्षण
लोगों को जागरुक करने के लिए पूरी दिल्ली में 400 जागरुकता कार्यशाला की जाएंगी, जिससे तहत 40 मास्टर ट्रेनर्स और 10 हजार लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके अलावा 600 उद्यमिता प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि इस पहल से पहले साल में दिल्ली के करीब 25000 परिवारों को फायदा होगा।
दो भागों में बांटा
इस पूरे सेक्टर को दो भागों में बांटा गया है। एक वो लोग हैं जो अपने घर की खपत के लिए अपने घर में सब्जी और फल उगाना चाहते हैं। दूसरा वो लोग जो इसका बिजनेस करना चाहते हैं। मसलन, जिनके पास थोड़ी ज्यादा जगह है और वो बिजनेस के तौर पर कुछ करना चाहते हैं। जो लोग अपने घर की खपत के लिए फल-सब्जियां उगाएंगे। उनको सेहतमंद और आर्गेनिक अच्छी सब्जियां मिलेंगी। इसके साथ ही उनके पैसे की बचत भी होगी, क्योंकि उनको बाजार से सब्जियां खरीदनी नहीं पड़ेगी।
दिल्ली पर्यावरण संरक्षण समिति का गठन
इस पहल की निगरानी के लिए दिल्ली पर्यावरण संरक्षण समिति का गठन किया जाएगा। इसमें एनजीओ, आरडब्ल्यूए, पर्यावरण विशेषज्ञ, एमएलए और पार्षदों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। यह पहल दिल्ली के शहरी परिदृश्य को कंट्रीट से हरियाली में बदलने में अहम भूमिका निभाएगी।