ATM fraud transaction new rule: डेबिट कार्ड पास में होते हुए उसके क्लोन से एटीएम के जरिये रकम निकलने की वारदात आए दिन होती रहती हैं। ऐसी ही एक वारदात 11 साल पहले विश्वास नगर की गली नंबर छह में रहने वाले विनय कुमार के साथ हुई थी।
उनकी शिकायत पर सुनवाई करते हुए पूर्वी जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने बैंक को नौ प्रतिशत ब्याज समेत खाते से निकले एक लाख चार हजार रुपये लौटाने का आदेश दिया है। मानसिक उत्पीड़न और विधिक खचरें के लिए 25 हजार रुपये क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान करने का आदेश भी दिया है।
विनय कुमार का खाता स्टेट बैंक आफ इंडिया (एसबीआइ) की शाहदरा अनाज मंडी स्थित शाखा में है। 15 दिसंबर 2011 को वह रुपये निकालने के लिए डेबिट कार्ड लेकर एटीएम बूथ पर गए थे, लेकिन धनराशि नहीं निकली। एटीएम पर संदेश लिखा आया कि एक दिन में लेनदेन की निर्धारित सीमा पहले ही पूरी हो चुकी है।
इस पर वह बैंक पहुंचे तो मालूम हुआ कि 13 और 15 दिसंबर 2011 के बीच उनके खाते से 1.20 लाख रुपये से ज्यादा रकम किसी ने निकाली है। उन्होंने गैरकानूनी तरह से धनराशि निकालने की शिकायत दर्ज कराई तो बैंक ने उनकी समस्या का समाधान करने के बजाय उनसे 20040 रुपये मांग लिए।
यह कहते हुए कि उनके खाते में मात्र एक लाख चार हजार रुपये थे, बाकी की रकम बीजीएल (बैंक जनरल लेजर) खाते से कटी है। फिर उन्होंने आनंद विहार थाने में शिकायत करते हुए बताया था कि किसी ने उनके डेबिट कार्ड का क्लोन तैयार कर रुपये निकाल लिए। अपने बैंक को फिर शिकायत लिखी कि दैनिक सीमा से अधिक खाते में जमा रकम से ज्यादा राशि की निकासी डेबिट कार्ड पर लागू नियम के विपरीत हुई है।
बैंक से उन एटीएम बूथों के सीसीटीवी कैमरे की फुटेज सुरक्षित कराने की अर्जी लगाई, जिनसे राशि निकाली गई। उन्हें बैंक ने बताया कि वारदात वाले दिन एटीएम बूथ का कैमरा काम नहीं कर रहा था। परेशान होकर विनय ने 30 जुलाई 2012 को जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में शिकायत कर दी।
इस मामले में आयोग ने 19 मार्च 2013 को एसबीआइ का लिखित पक्ष लिया। इसमें एसबीआइ ने बताया कि राशि कैनरा बैंक के मोदीनगर और सिंडिकेट बैंक के मोदीनगर और सीकरी कलां एटीएम से निकली थी। उन्होंने इन दोनों बैंकों को प्रतिवादी बनाने की अपील की, जिसे स्वीकार कर लिया गया।
एसबीआइ ने यह भी कहा कि उनकी कोई खामी नहीं रही है, डेबिट कार्ड का पिन सिर्फ खाताधारक के पास होता है और उसे प्राप्त किए बगैर कोई धोखाधड़ी नहीं कर सकता। सिंडिकेट बैंक की दोनों शाखाओं ने पक्ष रखा कि उनकी इस प्रकरण में कोई भूमिका नहीं है। साथ ही बताया कि कैमरे की फुटेज 30 दिन तक ही रखी जाती है। कैनरा बैंक ने कोई जवाब दाखिल नहीं किया।
आयोग ने सभी पक्ष सुनने के बाद कहा कि खाते में जमा राशि से ज्यादा रुपये एटीएम से कैसे निकले, इस बारे में बैंक की तरफ से स्पष्ट नहीं किया गया। थोड़े-थोड़े समय के अंतराल पर एटीएम से राशि की निकासी जैसे असामान्य लेनदेन को समझने में बैंक का सिस्टम सक्षम नहीं था। एसएमएस भी नहीं भेजे गए। आयोग ने एसबीआइ की शाहदरा अनाज मंडी की शाखा को शिकायतकर्ता के खाते की सुरक्षा और संरक्षण में लापरवाह मानते हुए विनय को राहत प्रदान की।