सराय काले खां जिस तरह से परिवहन हब बनता जा रहा है, इसे देखते हुए इस इलाके में जाम लगने की आशंका भी बढ़ रही है। इसे गंभीरता से लेते हुए अब सराय काले खां से लेकर बारापुला एलिवेटेड कारिडोर तक रिंग रोड को सिग्नल फ्री बनाने की योजना है। इसके तहत रिंग रोड के इस भाग में दो फ्लाईओवर बनाकर रिंग रोड को सिग्नल फ्री किया जाएगा।
बात दें कि सराय काले खां में रेलवे स्टेशन पहले से ही है। लेकिन, जब से यहां से दक्षिण भारत के लिए ट्रेनें शुरू हुई हैं, यहां यातायात का दबाव बढ़ गया है। यहां अंतरराज्यीय बस अड्डा है, मेट्रो स्टेशन है और अब रैपिड रेल का भी स्टेशन बन रहा है। ये तीनों इंटर कनेक्टेड भी होंगे। इससे यहां भीड़ बढ़ेगी और अभी जितना जाम लगता है, उससे कहीं अधिक जाम लगने की आशंका जताई जा रही है। इसी के मद्देनजर यह कवायद की जा रही है।
सराय काले खां बस अड्डे के सामने का सिंगल फ्लाईओवर होगा डबल
योजना के तहत सराय काले खां बस अड्डे के सामने पहले से बने तीन लेन के सिंगल फ्लाईओवर को डबल किया जाएगा। अभी इस फ्लाईओवर से आश्रम की ओर से आकर वाहन चालक आइटीओ या यमुनापर की ओर जाते हैं। इसी के साथ बनने वाले दूसरे तीन लेन के फ्लाईओवर से लोग आइटीओ या यमुनापार की ओर से आकर आश्रम की तरफ जा सकेंगे।
इससे उन्हें सराय काले खां पर जाम में नहीं फंसना पड़ेगा। फ्लाईओवर निर्माण के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है। इस पर 57.7 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। फ्लाईओवर करीब 600 मीटर लंबा होगा। इसके ठीक नीचे टी-जंक्शन पर दो यू-टर्न भी बनाए जाएंगे। मंजूरी के लिए परियोजना को दिल्ली अर्बन आर्ट कमीशन (डीयूएसी) में लगाया गया है। जल्द ही इसे अनुमति मिलने की उम्मीद है।
दूसरे फ्लाईओवर के तहत सराय काले खां से बारापुला लूप तक रिंग रोड होगा सिग्नल-फ्री
दूसर सरे फ्लाईओवर के तहत सराय काले खां से लेकर बारापुला एलिवेटेड कारिडोर के फेज-एक के लूप तक ¨रग रोड को सिग्नल-फ्री किया जाएगा। इसके तहत सराय काले खां बस अड्डा वाले सिंगल बने फ्लाईओवर से शुरू होकर दोतरफा यातायात वाला, यानी छह लेन का फ्लाईओवर बनेगा।
इस परियोजना को भी स्वीकृति के लिए यूटिपेक (यूनिफाइड ट्रैफिक एंड ट्रासपोर्टेशन इन्फ्रास्ट्रक्चर प्लानिंग एंड इंजीनियरिंग सेंटर) में लगाया गया है। वहां से अनुमति मिलने के बाद इसे डीयूएसी में लगाया जाएगा और टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के सूत्रों का कहना है कि अभी इस फ्लाईओवर परियोजना को दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल के लिए काम कर रहे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्रीय परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) आगे बढ़ा रहा है। अगर पीडब्ल्यूडी को इस परियोजना के लिए जिम्मेदारी और राशि मिली तो वह इस पर काम करेगा।