वजीराबाद में यमुना का जलस्तर घटकर सबसे निम्नतम स्तर पर आ गया है। इस वजह से वजीराबाद में यमुना पूरी तरह सूखने के कगार पर पहुंच गई है। इस वजह से दिल्ली में पेयजल संकट गहरा गया है। वजीराबाद व चंद्रावल जल शोधन संयंत्र से पानी आपूर्ति करीब 50 प्रतिशत प्रभावित हुई है।
ओखला जल शोधन संयंत्र से भी पानी आपूर्ति थोड़ी प्रभावित है। इसी क्रम में अब हैदरपुर व बवाना जल शोधन संयंत्र से भी पानी आपूर्ति कम हो गई है। इस वजह से उत्तरी, उत्तरी पश्चिमी, मध्य, दक्षिणी दिल्ली के कई इलाकों के साथ-साथ पश्चिमी दिल्ली में भी पेयजल आपूर्ति प्रभावित हुई है।
अधिकारी स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए
जल बोर्ड का कहना है कि अधिकारी स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। वजीराबाद में यमुना का जलस्तर घटने के मद्देनजर पेयजल वितरण युक्तिसंगत बनाया गया है। ताकि सभी इलाकों में पेयजल की जरूरतें पूरी हो सके। इस वजह से यमुना के जलस्तर में सुधार होने तक कई इलाकों में कम दबाव पर पानी आपूर्ति होगी।
लगातार गिर रहा जलस्तर
पिछले 10 दिनों से लगातार वजीराबाद बैराज के पास जलस्तर कम होने की समस्या बनी हुई है। वजीराबाद बैराज के पास यमुना का सामान्य जल स्तर 674.50 फुट होना चाहिए। 12 मई को जल स्तर घटकर 671.80 फीट हो गया था। इसके बाद जल बोर्ड ने हरियाणा के सिंचाई विभाग को पत्र लिखकर यमुना में 150 क्यूसेक अतिरिक्त पानी छोड़ने की मांग की थी।
इसके बाद भी स्थिति में सुधार नहीं होने के कारण अब जलस्तर कम होकर 668.3 फीट हो गया है। जल बोर्ड के अनुसार अब स्थिति यह हो गई है कि वजीराबाद बैराज के पास यमुना का जलस्तर नदी की सतह के बिल्कुल करीब पहुंच गया है। इस वजह से मूनक नहर व दिल्ली सब ब्रांच (डीएसबी) नहर से कुछ पानी वजीराबाद व चंद्रावल जल शोधन संयंत्र में ले जाकर शोधित किया जा रहा है।
मूनक नहर से हैदरपुर, बवाना व द्वारका जल शोधन संयंत्र में पानी पहुंचता है। अब जब मूनक नहर से वजीराबाद व चंद्रावल जल शोधन संयंत्र में पानी ले जाया जा रहा है तो हैदरपुर व बवाना जल शोधन संयंत्र से भी 10 प्रतिशत पानी आपूर्ति कम हुई है।दिल्ली में 1260 एमजीडी (मिलियन गैलन डेली) पानी की मांग है।
वजीराबाद में जलस्तर कम होने से पहले जल बोर्ड करीब 990 एमजीडी पानी आपूर्ति कर रहा है। अभी 24 घंटे में करीब 944 एमजीडी पानी आपूर्ति हुई है। इससे पानी की मांग और आपूर्ति के बीच अंतर बढ़ गया है।