जल बोर्ड में इन दिनों बड़ी संख्या में उपभोक्ता पानी का गलत बिल भेजे जाने की शिकायत कर रहे हैं। इसके मद्देनजर जल बोर्ड ने सभी जोनल कार्यालयों को मीटर के फोटो की भी जांच कराने का आदेश जारी किया है। ताकि उपभोक्ताओं की शिकायतों का निपटारा किया जा सके। फोटो ऑडिट के दौरान अधिकारी यह जांच करेंगे कि कर्मचारियों ने मीटर री¨डग लेने के समय उसकी फोटो ली है या नहीं।
जिन कर्मचारियों ने मीटर का फोटो लिए बिना बिल तैयार किया है, उनके खिलाफ जल बोर्ड कार्रवाई भी करेगा। जल बोर्ड में करीब 800 कर्मचारी हैं, जो मीटर री¨डग लेने का काम करते हैं। जल बोर्ड ने उन्हें टैब उपलब्ध कराया है। ताकि मीटर री¨डग लेने के बाद मीटर का फोटो लेकर भी विभाग के राजस्व प्रबंधन सिस्टम सॉफ्टवेयर पर अपलोड कर सकें। इससे पानी के बिल में गड़बड़ी होने की संभावना नहीं रहती।
जल बोर्ड के अधिकारी कहते हैं कि लॉकडाउन होने पर मीटर री¨डग लेने का काम बंद कर दिया गया था। लॉकडाउन खत्म होने के बाद मीटर री¨डग लेने का काम दोबारा शुरू हुआ तो पानी का बिल गलत भेजने की शिकायतें बढ़ गईं। दरअसल, कोरोना के कारण कुछ समस्याएं हो रही हैं, क्योंकि जल बोर्ड के भी कई कर्मचारी कोरोना से पीड़ित हैं। इससे कुछ कर्मचारी मीटर री¨डग लेने नहीं जाते हैं।
कुछ जगहों पर उपभोक्ता भी कोरोना के डर से सहयोग नहीं करते हैं। इसलिए वह बाहर के किसी व्यक्ति को आने नहीं देना चाहते। इन तमाम कारणों से गलत बिल भेजे जाने की शिकायतें बढ़ी हैं। इससे जोनल राजस्व अधिकारी को 25 फीसद व उप निदेशक (राजस्व) को 10 फीसद मामलों में खुद फोटो ऑडिट करने का आदेश दिया गया है।