कुतुबमीनार परिसर में स्थित कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद के ढांचे में लगीं मूर्तियों को हटाने की मांग जोर पकड़ रही है। हंिदूू संगठनों को खासकर उल्टी लगीं भगवान गणोश की दो मूर्तियां को लेकर अधिक नाराजगी है। उनका कहना है कि वहां मस्जिद में उल्टी लगीं मूर्तियों से लोगों की भावनाएं आहत हो रही हैं, इसलिए इन्हें हटाया जाना चाहिए। इन संगठनों ने मांग की है कि मस्जिद के ढांचे पर लगीं सभी मूर्तियों को निकालकर उन्हें प्रतिष्ठित किया जाए और उन्हें पूजा करने की अनुमति दी जाए। साथ ही कुतुबमीनार का नाम विष्णु स्तंभ करने की मांग भी उन्होंने की है।

 

इन मांगों को लेकर यूनाइटेड हंिदूू फ्रंट के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जयभगवान गोयल ने अन्य हंिदूू संगठनों के साथ मंगलवार को कुतुबमीनार परिसर में हनुमान चालीसा पढ़ने की घोषणा की है। गोयल ने कहा है कि वह अपने समर्थकों के साथ वहां जाकर कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद के नाम से जाने जा रहे ढांचे को मंदिर घोषित करने की मांग करेंगे। वहां हनुमान चालीसा पढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि वे किसी भी अन्य धर्म के बारे में नहीं, केवल अपनी बात कर रहे हैं कि जब ढांचे पर हमारे भगवान की मूर्तियां लगी हैं तो उन्हें वहां पूजा करने की अनुमति दी जाए, या फिर सभी मूर्तियां ढांचे से निकालकर वहीं किसी स्थान पर स्थापित की जाएं, जहां पूजा करने की अनुमति मिले। उन्होंने कहा कि कई विशेषज्ञों ने भी कहा है कि जिस निर्माण को कुतुबमीनार कहा जा रहा है, वह विष्णु स्तंभ है। ऐसे में हमारी मांग है कि इसे विष्णु स्तंभ घोषित किया जाए।

 

बता दें कि कुतुबमीनार परिसर में स्थित कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद में पीछे की ओर गणोश जी की दो मूर्तियां लगी हैं। एक मूर्ति मस्जिद की नाली के ठीक ऊपर उल्टी स्थिति में लगी है। एएसआइ ने लोहे का जाल लगाकर उसे ढंक दिया है। इससे कुछ दूरी पर गणोश जी की एक और मूर्ति भी उल्टी स्थिति में लगी है। विवादित ढांचे में मूर्तियों के माध्यम से भगवान के कृष्णावतार का वर्णन भी किया गया है।


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