इंतजार की घड़ियां खत्म हो गई है। रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) का पहला ट्रेन सेट तैयार है। शनिवार को गुजरात के सावली में आयोजित एक समारोह में इसे निर्माता कंपनी एल्सटाम द्वारा एनसीआर परिवहन निगम को सौंप दिया जाएगा। इस अवसर पर केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय में सचिव मनाेज जोशी व निगम के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह सहित सभी अधिकारी भी मौजूद रहेंगे।
रैपिड रेल पूर्णतया स्वदेशी
निगम के प्रवक्ता ने बताया कि रैपिड ट्रेन पूर्णतया स्वदेशी है और एल्सटाम (पहले बंबार्डियर) के सावली स्थित कारखाने में बन रही है। कंपनी 210 ट्रेन सेट तैयार करेगी। इसी कारखाने में पहली ट्रेन की चाबी दी जाएगी। यहां से ट्रेन को ट्रालों के जरिये गाजियाबाद स्थित दुहाई डिपो लाया जाएगा।
गाजियाबाद के दुहाई डिपो लाएगा जाएगा
इसी डिपो में इन ट्रेनों के संचालन और रखरखाव की सभी सुविधाओं का निर्माण कार्य पूरा किया जा रहा है। जल्द ही ट्रेन का ट्रायल भी शुरू हो जाएगा। मालूम हो कि 82 किमी लंबे दिल्ली मेरठ कारिडोर के 17 किमी लंबे प्राथमिकता खंड (साहिबाबाद-दुहाई) पर इसे मार्च 2023 से चलाने का लक्ष्य है जबकि पूरे कारिडोर पर 2025 से ट्रेन चलनी है।
180 किलामीटर प्रति घंटे के हिसाब से की गई है डिजाइन
प्रवक्ता ने बताया कि “यह ट्रेन 180 किमी प्रति घंटे की डिजाइन गति और 160 किमी प्रति घंटे की औसत गति के साथ 100 किमी प्रति घंटे की परिचालन गति के साथ भारत में सबसे तेज ट्रेनें होंगी।” इन अत्याधुनिक आरआरटीएस ट्रेनों में एर्गोनामिक रूप से डिज़ाइन की गई 2 बाइ 2 ट्रांसवर्स कुशन सीटिंग, खड़े होने के लिए चौड़े स्थान, लगेज रैक, सीसीटीवी कैमरे, लैपटाप / मोबाइल चार्जिंग सुविधा, डायनेमिक रूट मैप, आटो कंट्रोल एम्बिएंट लाइटिंग सिस्टम, हीटिंग वेंटिलेशन और एयर कंडीशनिंग सिस्टम और अन्य सुविधाएं होंगी। वातानुकूलित आरआरटीएस ट्रेनों में स्टैंडर्ड के साथ-साथ महिला यात्रियों के लिए एक आरक्षित कोच और प्रीमियम वर्ग का भी एक कोच होगा।