मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मालवा (Malwa) क्षेत्र से देश का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे दिल्ली-मुंबई 8 लेन एक्सप्रेस-वे (Delhi Mumbai Expressway Latest Update) गुजर रहा है. यह एक्सप्रेस-वे प्रदेश के तीन जिलों मंदौसौर (102 किमी) , रतलाम (90 किमी) और झाबुआ (52 किमी) से गुजरेगा. प्रदेश के इन तीन जिलों में एक्सप्रेस-वे की लंबाई कुल 245 किमी है. 245 किमी में 106 किमी रोड बनकर तैयार है जबकि बाकी नवंबर 2022 तक पूरा होगा. इस एक्सप्रेस-वे की कुल लंबाई 1,350 किमी है. इस प्रोजेक्ट के पूरा हो जाने पर दिल्ली-मुंबई का सफर 12 घंटे में तय हो सकेगा. मध्य प्रदेश में 214 पुल, 511 पुलियां, 100 छोटे-बड़े अंडरपास और 7 टोल बूथ बनाए जा रहे हैं.
मालवा क्षेत्र की तस्वीर बदलने वाले और पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट से इंदौर, उज्जैन को भी जोड़ा जा रहा है. देवास, उज्जैन और गरोठ के बीच नया फोर लेन रोड बनाकर इंदौर को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस हाईवे से जोड़ा जा रहा है.
इंदौर से गरोठ तक बनेगी 173 किलोमीटर फोरलेन सड़क
इंदौर को राऊ-देवास बायपास के जरिए गरोठ में दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर (डीएमआईसी) से जोड़ा जाएगा. इंदौर से गरोठ तक कुल 173 किलोमीटर फोरलेन सड़क बनाई जा रही है. इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 1890 करोड़ रुपए बताई जा रही है. मंदसौर जिले के गरोठ में ही दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे का जंक्शन बनाया जा रहा है. गरोठ और जावरा में लॉजिस्टिक हब बनाया जाएगा. बसई के पास की जमीन पर इंडस्ट्री लगाई जाएंगी. यह एक्सप्रेस मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र में प्रगति के रास्ते खोलेगा.
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे वडोदरा से मध्य प्रदेश के मेघनगर से लगी अनास नदी के पास से प्रदेश में एंट्री लेगा. फिर थांदला, सैलाना, खेजड़िया, शामगढ़, गरोठ, भवानीमंडी, कोटा होकर दिल्ली पहुंचेगा. दिल्ली से लेकर मुंबई तक पहले फेज में 8 लेन हाईवे का निर्माण जारी है. भविष्य में ट्रैफिक बढ़ने पर दूसरे फेज में इसे 12 लेन में बदला जाएगा. इस हाईस्पीड कॉरिडोर के आसपास लॉजिस्टिक पार्क, इंडस्ट्रियल यूनिट, एग्रिकल्चरल प्रोडक्शन सेंटर और फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाई जानी है.