राजधानी दिल्ली की बिगड़ती आबोहवा को लेकर गंभीर हुई दिल्ली सरकार के निर्देशों पर परिवहन विभाग ने वैध पीयूसी (प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र) के बिना वाहन चलाने वाले लोगों पर बड़ी कार्रवाई की है। खराब होती वायु गुणवत्ता को मद्देनजर रखते हुए परिवहन विभाग ने ऐसे उल्लंघनकर्ता मालिकों के एक से 17 नवंबर के बीच 3,500 चालान काटे हैं, जिनकी जुर्माना राशि 3.5 करोड़ रुपये से अधिक बैठती है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर में विभाग की प्रवर्तन शाखा के दस्तों ने 8,25,681 वाहनों की जांच की और 9.5 करोड़ रुपये से अधिक के 9,522 चालान जारी किए। इसके अलावा इसी महीने में आठ लाख से अधिक प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) प्रमाण पत्र जारी भी किए गए।
मोटर वाहन अधिनियम 1993 के अनुसार, वैध पीयूसी प्रमाण पत्र नहीं रहने पर वाहन मालिकों का चालान किया जा सकता है, जिसके लिए छह महीने तक की कैद या 10,000 रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। इसके साथ ही तीन महीने के लिए चालक का ड्राइविंग लाइसेंस भी जब्त हो सकता है।
परिवहन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर के मध्य तक शहर में बिना वैध पीयूसी प्रमाण पत्र के लगभग 17.71 लाख वाहन चल रहे थे।जिन वाहनों के लिये पीयूसी प्रमाण पत्र नहीं था उनमें अधिकतर दोपहिया (लभगग 13 लाख) थे जबकि 4.20 लाख चार पहिया वाहन परिवहन विभाग के डेटाबेस के अनुसार वैध प्रमाण पत्र के बिना पाए गए।
आज भी तैनात हैं टीम.
आंकड़े दर्शाते हैं कि प्रवर्तन दस्तों ने एक नवंबर से 17 नवंबर तक वाहनों के वैध पीयूसी का पालन न करने के लिए 3,446 चालान जारी किए। नवंबर में इस अवधि के दौरान 3.34 लाख से अधिक पीयूसी प्रमाण पत्र भी जारी किए गए। परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमने पेट्रोल पंप और चिन्हित चौराहों जैसे सुविधाजनक स्थानों पर 50 से अधिक टीमों को तैनात किया है।
पीयूसी अनुपालन बढ़ाने के लिए टीमों द्वारा प्रवर्तन और जागरूकता दोनों कार्य किए जा रहे हैं। यहां बता दें कि शहर में करीब 1,000 अधिकृत पीयूसी जांच केंद्र हैं।