पूर्वी दिल्ली नगर निगम के क्षेत्र में पार्कों में धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम करने हैं तो इसके लिए निगम आपसे कोई शुल्क नहीं लेगा। पूर्वी निगम ने मौजूदा वित्तीय वर्ष में उन पार्कों को धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए निश्शुल्क कर दिया है, जिनमें कार्यक्रम होते हैं। पूर्वी निगम के पास करीब 2270 पार्क हैं। इनमें से 14 पार्कों में कार्यक्रमों के लिए बुकिंग होती है।

 

अभी तक सिर्फ धार्मिक संस्थाओं को धर्म-कर्म से जुड़े कार्यक्रमों के लिए निश्शुल्क दिया जाता था, लेकिन इसका दायरा कोरोना काल में बढ़ा दिया गया है।

इस संबंध में सदन ने प्रस्ताव पास कर दिया है। पहले मंडावली की पार्षद शशि चांदना की तरफ से स्थायी समिति में यह प्रस्ताव लाया गया था। इसका अनुमोदन आनंद विहार वार्ड की पार्षद गुंजन गुप्ता ने किया था। स्थायी समिति से पास होने के बाद प्रस्ताव सदन में पहुंचा था। शशि चांदना का कहना है कि कोरोना काल में कई लोगों के समक्ष आर्थिक चुनौतियां उत्पन्न हुई हैं। वे समुदाय भवन और बैंक्वेट हाल बुक करने में सक्षम नहीं हैं। इसी वजह से हम लोग यह प्रस्ताव लेकर आए। इसमें कहा गया कि कोरोना काल में कार्यक्रम ठप पड़े थे, लेकिन अब दिल्ली सरकार की तरफ से कुछ पाबंदियां हटाई गई हैं।

 

त्योहार आने वाले हैं। लोग कार्यक्रम आयोजित करना चाहते हैं। ऐसे में धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए पार्क बुक करने पर पार्कों की बुकिंग के लिए कोई शुल्क न लिया जाए। कुछ समय पहले नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने पार्कों में कार्यक्रम आयोजित करने पर रोक लगा दी थी। इसकी वजह से निगम ने बु¨कग बंद कर दी थी, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने एनजीटी के आदेश पर स्टे दे दिया है। ऐसे में निगम ने भी अब बु¨कग शुरू कर दी है।

बीर सिंह पंवार (अध्यक्ष, स्थायी समिति, पूर्वी निगम़) का कहना है कि निगम के पास संसाधनों का अभाव है। दिल्ली सरकार की उदासीनता की वजह से वित्तीय संकट है। इसके बावजूद हम लोगों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने की कोशिश कर रहे हैं। यह कदम भी उनमें से एक है। आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहे लोग निगम के पार्को में बिना शुल्क के धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम कर सकते हैं।

 

 

लाभकारी परियोजना समिति से हटे महापौर, उपमहापौर

पूर्वी दिल्ली नगर निगम पार्किंग और अन्य मामलों को देखने वाली लाभकारी परियोजना समिति से महापौर, उपमहापौर और स्थायी समिति अध्यक्ष अलग हो गए हैं। इस समिति में इन तीनों की सदस्यता पदेन होती है। महापौर अध्यक्ष होते हैं, लेकिन इस बार इनके स्थान पर तीन पार्षदों को सदस्य बनाया गया है। इसमें पूर्व उपमहापौर और पार्षद हरिप्रकाश बहादुर, नीमा भगत और दुर्गेश तिवारी शामिल हैं। इस संबंध में प्रस्ताव लाने वाले नेता सदन सत्यपाल सिंह ने बताया कि महापौर और उपमहापौर कई अन्य समितियों में पदेन अध्यक्ष हैं। इन पर कार्य का अधिक भार रहता है। इस वजह से यह व्यवस्था की गई है। अध्यक्ष का चुनाव आगामी दिनों में किया जाएगा।

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